दुबई से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत और यूएई के रिश्तों की गहराई और भारत की विदेश नीति की मजबूती को लेकर कई महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने कहा कि, “इस रेगिस्तान से आपने तेल निकलने की बात सुनी थी, लेकिन 1980 के बाद पहली बार देखा कि यहां से नोट भी निकलते हैं।” मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी दुबई की आर्थिक प्रगति और संभावनाओं की ओर इशारा करती है।
उन्होंने दुबई की आधुनिकता की प्रशंसा करते हुए कहा कि, “यहाँ नीचे सोने की खदान नहीं है, लेकिन आसमान से बातें करती हुई अट्टालिकाएं दिखती हैं।” डॉ. यादव ने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे दुबई ने रेगिस्तानी परिस्थितियों के बावजूद खुद को एक ग्लोबल आइकन बना लिया है।
मुख्यमंत्री ने 1971 के बाद संयुक्त अरब अमीरात के छह अमीरातों के संयुक्त प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा, “यूएई की बदलती दशा में भारतीय संस्कृति की विश्व बंधुत्व की भावना को भी अंगीकार करते हुए देखा गया है।” उन्होंने भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “भारत और भारत से जुड़े लोग जहां भी जाते हैं, दूध में शक्कर की तरह घुल-मिल जाते हैं और वहां अपना घर बना लेते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की तारीफ करते हुए डॉ. मोहन यादव ने कहा, “मोदी जी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की घोषणा कर पूरी दुनिया को ‘जियो और जीने दो’ का संदेश दिया है।” उन्होंने वर्ष 2022 में भारत-दुबई व्यापार समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि, “दुबई की बराबरी के साथ भारत के लिए 90% कस्टम ड्यूटी फ्री कर देना केवल मोदी जी कर सकते हैं।”
PUBLICFIRSTNEWS.COM
