राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विवाद
NAAC SSR में भ्रामक दस्तावेज का आरोप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने धारा 54 लगाने की मांग की
भोपाल: मध्य प्रदेश के एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPTU), आर्थिक और अकादमिक अनियमितताओं के चलते चर्चा में है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के सत्ताधीशों ने NAAC से ए++ मान्यता प्राप्त करने के लिए भ्रामक और झूठे SSR तैयार किए, जिससे संस्थान को भी भ्रमित करने की कोशिश की गई।
बताया जा रहा है कि ABVP ने राज्य सरकार से तुरंत धारा 54 लगाने की मांग की है और कहा है कि गलत दस्तावेज तैयार करने वाले सभी दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए, जिनमें NAAC इंचार्ज डॉ. अर्चना तिवारी भी शामिल हैं।
संगठन ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि विश्वविद्यालय के सुचारू संचालन के लिए इसे प्रदेश की तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जाए। ABVP ने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वह राजभवन के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।ABVP प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान प्रशासन और कुलगुरु डॉ. राजीव त्रिपाठी के कारण विश्वविद्यालय में शिक्षा और छात्रों के हितों को गंभीर खतरा है और सरकार को शीघ्र कदम उठाना चाहिए।
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