पब्लिक फर्स्ट। इस्लामाबाद।
पाकिस्तान एक के बाद एक नये जाल में फंसता जा रहा है। सियासी बवाल और भुखमरी के परेशान परेशान पाकिस्तान को कही से भी राहत मिलती नज़र नही आ रही है। जिसे वो अपना सबसे बड़ा दोस्त समझता था, वो चीन ही अब उसके लिये एक ऐसा दलदल बन गया है, जिससे निकलने की जितनी कोशिश पाकिस्तान करता है, वो उसमें उतना ही धंसता जाता है।
इमरान खान के तूफान का सामना कर रही पाकिस्तान की शहबाज सरकार अब बहुत बड़े संकट में फंसती नजर आ रही है। पाकिस्तान की सरकार को अब यह कठिन फैसला लेना होगा कि या तो वह गंभीर आर्थिक संकट में फंसे या फिर स्वीकार करे कि चीन की कर्ज का जाल बन चुकी सीपीईसी परियोजना फेल हो गई है। साथ ही अब समय आ गया है कि वह इससे आगे बढ़े।
चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना ( CPEC ) 10 साल पहले शुरू हुई थी लेकिन अभी तक यह ग्वादर को दुबई बनाने में असफल साबित हुई है जिसका वादा चीनी ड्रैगन ने किया था। पाकिस्तान ने आईएमएफ को धोखा देकर चीन का कर्ज उतारा जिससे वैश्विक एजेंसी भी भड़की हुई है।
पाकिस्तान सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के बीच बातचीत रुकने के पीछे मुख्य वजह सीपीईसी की पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को तबाह करने में भूमिका है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इसलिए और ज्यादा बर्बाद हो गई क्योंकि चीन ने सीपीईसी के नाम पर जो अरबों डॉलर का निवेश किया, उससे कोई रिटर्न नहीं आया।
सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ ने दो टूक कह दिया है कि पाकिस्तान सीपीईसी की शर्तों पर फिर से चीन से बातचीत करे नहीं तो उसे बेलआउट पैकेज देने में बहुत मुश्किल होगी। पाकिस्तान को अगर ये बेलआउट पैकेज मिल भी जाता है तो मौजूदा हालातों को देखते हुए, ये बस चंद दिन की राहत साबित हो सकता है। पाकिस्तान में अब आवाम सड़को पर उतर आई है और अपराध करने पर उतारु हो गई है। publicfirstnews.com