पब्लिक फर्स्ट। भुवनेश्व।

ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम ट्रेन हादसे में 238 लोगों की मौत हो गई। एक्सीडेंट में 900 से ज्यादा यात्री घायल हुए। रेलवे के मुताबिक 650 लोगों को अस्पताल में एडमिट किया गया है। हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। रेलवे के मुताबिक कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थीं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बाोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से भिड़ गईं। कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।
हादसे के बाद रेलवे ने अलग-अलग स्टेशन पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
इमरजेंसी कंट्रोल रूम: 6782262286
हावड़ा: 033-26382217
खड़गपुर: 8972073925, 9332392339
बालासोर: 8249591559, 7978418322
कोलकाता शालीमार: ९९०३३७०७४६

दोनों ट्रेनों के बहानगा स्टेशन पहुंचने में 3 घंटे का फर्क था, पर एक साथ आ गईं
ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी।
वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था। लेकिन, 7 बजे करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।

14 साल पहले भी पटरी से उतरी थी कोरोमंडल ट्रेन
3 फरवरी 2009 को ओडिशा के जजपुर जिले में ट्रैक बदलते समय कोरोमंडल एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी। इत्तेफाक से उस दिन भी शुक्रवार था। इसके अलावा 15 मार्च, 2002 को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में इसके सात डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 100 यात्री घायल हुए थे। 14 जनवरी 2012 को ओडिशा में लिंगराज स्टेशन के पास इस ट्रेन के जनरल डिब्बे में आग लगी थी।

14 साल पहले भी पटरी से उतरी थी कोरोमंडल ट्रेन
3 फरवरी 2009 को ओडिशा के जजपुर जिले में ट्रैक बदलते समय कोरोमंडल एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी। इत्तेफाक से उस दिन भी शुक्रवार था।

इसके अलावा 15 मार्च, 2002 को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में इसके सात डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 100 यात्री घायल हुए थे। 14 जनवरी 2012 को ओडिशा में लिंगराज स्टेशन के पास इस ट्रेन के जनरल डिब्बे में आग लगी थी।publicfirstnews.com

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