पब्लिक फर्स्ट। बेंगलुरु

बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए 26 विपक्षी दल आज और कल बेंगलुरु में बैठक करेंगे। इन दलों के शीर्ष नेता एकजुट होकर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चित करना चाहते हैं। बैठक की मेजबानी कांग्रेस कर रही है। इसके पहले पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इसमें 15 दलों ने हिस्‍सा लिया था।

बेंगलुरु में आज और कल विपक्षी दलों की बैठक है। इसमें 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। यह दो दिन चलेगी। ये नेता 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे। कांग्रेस की मेजबानी में यह बैठक हो रही है। इस बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी। आम आदमी पार्टी (AAP) ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस की ओर से संसद में अध्यादेश का विरोध करने की सूरत में ही वह विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी। पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था।

एक सूत्र ने कहा, ‘इस बार हम 26 दलों के नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं।’ विपक्ष की यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बीच हो रही है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई।

बंगाल में हुई चुनावी हिंसा को लेकर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई और वाम दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है। सूत्रों ने कहा है कि विपक्षी दल भाजपा की नीतियों के खिलाफ देशभर में एक संयुक्त आंदोलन की योजना बनाएंगे। उन्होंने कहा कि खासकर महाराष्ट्र में राकांपा के विभाजन के बाद रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

2024 में BJP को हराना बैठक का मकसद
इस बैठक का मकसद मौजूदा मोदी सरकार के खिलाफ 2024 के आम चुनाव से पहले दमदार विपक्ष तैयार करने की कोशिश है। नीतीश कुमार का कहना है कि अभी सभी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है। विपक्ष में प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा? इस पर चर्चा नहीं की जाएगी।

व‍िपक्ष को मजबूत करने की होगी कवायद
सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेता भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने के कदमों की घोषणा करेंगे। विपक्षी सरकारों को गिराने और राज्यपालों के माध्यम से गैर-भाजपा शासित राज्यों पर नियंत्रण करने के भाजपा के प्रयासों को उजागर करेंगे।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, ‘यह एक निर्णायक  बैठक होगी। कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।’

भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि दो दिवसीय सत्र भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के संयुक्त संकल्प को दर्शाएगा। राजा ने कहा, ‘बेंगलुरु बैठक भाजपा को हराने और देश तथा लोकतंत्र को बचाने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टियों को एकजुट करने की दिशा में एक और कदम होगी।’

publicfirstnews.com

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