पब्लिक फर्स्ट।
आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान को अपने जाल में फांसने के लिए चीन ने एक और तैयारी कर ली है। पाकिस्तान में सरकारी कंपनियों काे बेचने की कवायद चल रही है। इन पर चीन की नजर है। वह दाे गैस कंपनियाों सुई नॉर्दर्न और सुई सदर्न काे खरीदने जा रहा है। यह कंपनियां गैस के भंडार वाले बलूचिस्तान प्रांत में गैस की खोज में शामिल हाेंगी।
चीन इन गैस कंपनियों, बिजली कंपनियों को हर कीमत पर लेना चाहता है। 9 सरकारी बिजली कंपनियों काे पिछले साल 17 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपए का घाटा हुआ था। इसे मिलाकर दाे गैस कंपनियों काे 68,853 करोड़ पाकिस्तानी रुपए (2.4 अरब डॉलर) का नुकसान हो चुका है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि घाटे में चल रही सरकारी इकाइयों का निजीकरण सही कदम है।
ज्यादातर इकाइयां घिसे-पिटे पुराने ढर्रे से चलाए जाने के कारण कुप्रबंध का शिकार हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इन सरकारी इकाइयों काे चलाने के लिए हर पाकिस्तानी हर साल 3000 रुपए का भुगतान कर रहा है। हालांकि, उनको शक है कि इस चुनावी साल में सरकार ताकतवर यूनियन के विरोध का सामना करते हुए निजीकरण अंजाम दे पाएगी।
CPEC का विरोध, कई बार चीन के कर्मचारियों पर हुए हमले
चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का बलूचिस्तान में विरोध हो रहा है। प्रोजेक्ट पर चीन 60 अरब डॉलर (करीब 4.9 लाख करोड़ रुपए) का निवेश कर रहा है। ग्वादर पोर्ट में चीन की गतिविधियां स्थानीय लाेगाें के निशाने पर हैं। वे चीन की डीप फिशिंग का विरोध करते हुए सुरक्षा चेक पाॅइंट कम करने की मांग कर रहे हैं। चीनी नागरिकों और संपत्ति पर हमले भी हो चुके हैं। पिछले कुछ साल से चीन के प्रोजेक्ट और उनमें काम करने वाले चीनियों पर हमले बढ़े हैं।
चीनी कर्मियों की सुरक्षा में AK 47 वाले गार्ड
पाकिस्तान में विरोध के कारण चीन के कामगारों और इंजीनियरों की सुरक्षा में AK 47 राइफल से लैस जवान तैनात करने पड़ रहे हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा पर भरोसा करने के बजाय चीन ने ग्वादर में खुद के जवान तैनात कर रखे हैं। जुलाई 2021 में चीनी इंजीनियरों की बस पर फिदायीन हमला हो चुका था। तब सुरक्षा बढ़ाई गई।
एयरलाइंस घाटे में, कराची, लाहौर एयरपोर्ट लीज पर देंगे
इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट, सरकारी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस काे भी निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का कर्ज और घाटा उसकी संपत्तियों से ज्यादा हाे गया है। पिछले साल यह 8,800 करोड़ और कुल कर्ज 75 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपए हाे गया। विमानतलों में कुप्रबंधन है। विदेशी कंपनियां आने से हालात बदलेंगे। कराची और लाहौर एयरपोर्ट को भी लीज पर दिया जाएगा।
मौके की ताक में… नवाज शरीफ ही खरीदेंगे स्टील मिल
सरकारी कंपनी पाकिस्तान स्टील मिल्स का 20,600 करोड़ रुपए का कुल घाटा उसकी 19,500 करोड़ की की कीमत से अधिक हाे गया है। यह जून 2015 से बंद है, पर इसे 2021-22 में कर अदायगी के बाद 745 करोड़ पाकिस्तानी रुपए लाभ हुआ है। एनालिस्ट काे लगता है कि शायद मिल का निजीकरण नहीं हाेगा। अगर ऐसा होता भी है तो इसे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ही खरीदेंगे। उनकी नजर ऐसी ही संपत्तियों पर है।
पाक की विदेश स्थित संपत्तियां बेची जा रहीं
विदेशी मुद्रा संकट के चलते पाकिस्तान ने वॉशिंगटन में पूर्व दूतावास की इमारत काे कारोबारी हफीज खान काे 203 करोड़ पाकिस्तानी रुपए में बेचा है। पाक सरकार अमेरिका में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की संपत्ति रूजवेल्ट होटल की संपत्ति काे 6,311 करोड़ रु. में न्यूयॉर्क सिटी प्रशासन काे लीज पर दे चुकी है।