पब्लिक फर्स्ट | नई दिल्ली |

77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘विश्वकर्मा योजना’ का ऐलान किया. बुधवार को मोदी कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. इसका पूरा नाम पीएम ‘विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ या ‘पीएम विकास योजना’ है. यह योजना खास शैली में पारंगत स्किल्ड कामगारों के लिए होगी. ‘विश्वकर्मा योजना’ में 13 से 15 हजार करोड़ रुपये लगाए जाएंगे.

‘विश्वकर्मा योजना’ को 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा पूजा के मौके पर लॉन्च किया जाएगा. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी में पेश हुए आम बजट के दौरान इस योजना की घोषणा की थी. इसके तहत न केवल आर्थिक मदद दी जानी है, बल्कि ट्रेनिंग, मॉडर्न टेक्नोलॉजी के बारे में बताना और ग्रीन तकनीक, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव के साथ डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा की भी बात शामिल है.

योजना का किसे मिलेगा फायदा?
यह योजना सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, महिलाएं और कमजोर वर्ग को लाभ पहुंचाएगी. पीएम विश्वकर्मा योजना का फायदा बढ़ई, सोनार, मूर्तिकार और कुम्हार आदि क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को मिलेगा. इसके जरिए सरकार की कोशिश शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और साथ ही उन्हें घरेलू बाजार और वैश्विक बाजार के साथ जोड़ना है.

विश्वकर्मा योजना की खास बातें:-
-इस योजना के तहत नए स्किल्स, टूल्स, क्रेडिट सपोर्ट और मार्केट सपोर्ट दिया जाएगा.
-योजना के तहत दो तरह के स्किल ट्रेनिंग होगी- बेसिक और एडवांस.
-ट्रेनिंग के दौरान रोजाना 500 रुपये की स्टाइपेंड भी दिया जाएगा.
-मॉडर्न टूल्स खरीदने के लिए सरकार 15,000 रुपये का सपोर्ट देगी.
-एक लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा. इसपर अधिकतम 5% का ब्याज होगा.
-एक लाख के सपोर्ट के बाद अगले ट्रांच में 2 लाख तक का लोन मिलेगा.
-ब्रांडिंग, ऑनलाइन मार्केट एक्सेस जैसा सपोर्ट दिया जाएगा.

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