पब्लिक फर्स्ट।
WHO बोला- ये तेजी से म्यूटेट हो सकता है; इसकी मॉनिटरिंग की जा रही
अमेरिका की टॉप डिजीज कंट्रोल एजेंसी (CDC) कोरोना के तेजी से म्यूटेट करने वाले एक वैरिएंट को ट्रैक कर रही है। न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के मुताबिक इस वैरिएंट का नाम BA.2.86 बताया जा रहा है। इसे अब तक अमेरिका इजराइल और डेनमार्क में डिटेक्ट किया गया है। अमेरिका ने बताया है कि CDC इसके बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर रही है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने भी इसके बारे में जानकारी दी है। WHO ने बताया है कि नए वैरिएंट में तेजी से म्यूटेट करने की क्षमता है, इसके चलते इसे मॉनिटर किया जा रहा है। फिलहाल WHO 3 वैरिएंट्स को ट्रैक कर रहा है। वहीं, 7 वैरिएंट्स को मॉनिटरिंग पर रखा गया है।
इम्यूनिटी को चकमा देने में माहिर
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नए वैरिएंट के बारे में जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि वो इसे समझने के लिए ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। WHO ने कहा है कि कोरोना वायरस का सर्कुलेट और इवॉल्व होना जारी है।
ऐसे में इस पर नजर बनाए रखना और इसकी रिपोर्टिंग जरूरी है। डॉक्टर एस वैसली लोंग ने बताया कि ये कोरोना से इन्फेक्शन के बाद मिली इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है।
दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में 80% की बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने यह जानकारी दी। वीकली अपडेट के दौरान WHO ने बताया कि 10 जुलाई से 6 अगस्त के बीच कोरोना के 15 लाख नए मामले सामने आए। ये पिछले 28 दिनों की तुलना में 80% ज्यादा हैं। हालांकि, इस दौरान कोरोना से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 57% कम हुआ।
12 जून से 9 जुलाई के बीच दुनियाभर में 7 लाख 94 हजार कोविड केस आए थे, जबकि 10 जुलाई से 6 अगस्त के बीच नए कोविड केस का आंकड़ा बढ़कर 15 लाख हो गया।
WHO ने चेतावनी देते हुए कहा कि सही आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है, क्योंकि कोरोना के समय सभी देशों में टेस्टिंग और मॉनिटरिंग ज्यादा हो रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। कम टेस्टिंग की वजह से भी कोरोना के दर्ज मामले कम हो सकते हैं।
एरीस ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित
पिछले हफ्ते WHO ने ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट EG.5 या एरीस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। जुलाई के मध्य में मिले कोरोना के मामलों में से 17% केस इसी वैरिएंट के थे। ये जून की तुलना में 7.6% ज्यादा थे। एरीस वैरिएंट का केस 31 जुलाई को ब्रिटेन में सामने आया था। इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका, चीन और ब्रिटेन में ही मिल रहे हैं।
मई में कोरोना को ग्लोबल इमरजेंसी से हटाया गया था
WHO ने इस साल मई में कोरोना को ग्लोबल इमरजेंसी से हटा दिया गया था। हालांकि, WHO के गवर्नर जनरल टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा था कि कोरोना भले ही अब ग्लोबल इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे अब कोई खतरा नहीं है। दुनिया में अगली महामारी जरूर आएगी और ये कोवि़ड-19 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। ऐसे में हमें अभी से तैयारी करनी होगी।