पब्लिक फर्स्ट न्यूज़| इसका असर 80 से 100 मीटर की गहराई में बनी ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर नहीं होगा।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने इस पर तत्काल टिप्पणी नहीं की है. इस हफ्ते के शुरू में उसने नतान्ज में निरीक्षकों को भेजा था और पुष्टि की थी कि ईरान प्रतिष्ठान पर जमीन के ऊपर स्थित एक केंद्र में 60 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन शुरू करने की तैयारी कर रहा है|

ईरान का यूरेनियम का उत्पादन परमाणु हथियार बनाने के लेवल तक पहुंचता जा रहा है। इस पर अमेरिका के आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अधिकारी ने कहा कि ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी का काम पूरा होना किसी बुरे सपने जैसा होगा।ईरान के परमाणु हथियार हासिल करने के सपने को पूरा होने से रोकने के लिए अमेरिका लगातार उस पर पाबंंदियां लगा रहा है। हाल ही में बाईडेन ने ईरान की ऑयल और पैट्रोकैमिकल्स इंडस्ट्री पर पाबंंदियां को और सख्त करने की घोषणा की।

ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर कई बार हमले हुए हैं। नातांज न्यूक्लियर साइट पर स्टक्सनेट वायरस से हमला किया गया था। जो इजराइल और अमेरिका में बना वायरस था। इजराइल की सरकार ने अभी तक इन आरोपों पर कुछ नहीं कहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन्हीं कारणों से ईरान अपनी न्यूक्लियर फैसिलिटी को अंडर ग्राउंड ले जा रहा है।

मामले की जांच करने वाले लोगों के मुताबिक ईरान परमाणु हथियार के लिए अब 83.7 %प्योर यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है। हथियार बनाने की कैपिसिटी के लिए 90% प्योर यूरेनियन पार्टिकल्स की जरूरत होती है।

यूरेनियम के कणों की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर ईरान ने कहा कि संवर्धन प्रक्रिया के दौरान “अनपेक्षित उतार-चढ़ाव” हो सकता है, लेकिन बम बनाने की बातें हवा में कही जा रही हैं, वहीं, ईरान के बयान से पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान के यूरेनियम का भंडार 60% तक संवर्धित हुआ है, जो नवंबर, 2022 में अंतिम रिपोर्ट के बाद से 87.5 किलोग्राम बढ़ गया है|publicfirstnews.com

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