ईरान-इजराइल में तनाव बढ़ता जा रहा है। मीडिया रिपोर्टर्स में दावा किया गया है कि ईरान 2 दिन के भीतर इजराइल पर अटैक कर सकता है। इस बीच अमेरिका ने अपना वॉरशिप इजराइल भेजा है। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर USS ड्वाइट आइजनहावर लाल सागर के रास्ते इजराइल पहुंच रहा है।

ये ईरान की तरफ से दागी जाने वाली मिसाइल और ड्रोन को रोकने में सक्षम है। इधर, भारत समेत 6 देशों अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और जर्मनी ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें नागरिकों को ईरान और इजराइल न जाने की सलाह दी गई है।

दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी एंबेसी के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो टॉप आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लेने के लिए इजराइल पर अटैक करने की धमकी दी थी।

एयर इंडिया ने दूसरे एयरस्पेस का किया इस्तेमाल
लेटेस्ट जानकारी की बात करें तो आपको बता दें कि ईरान के एयरस्पेस से एअर इंडिया उड़ान नहीं भर रही | टाइम्स ऑफ इंडिया कि रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया उन एयरलाइन्स में शामिल हो गया है जो ईरान के एयरस्पेस से नहीं गुजर रही हैं। आज सुबह एअर इंडिया की फ्लाइट 161 को साढ़े 4 बजे लंदन जाना था। हालांकि, इसने हमेशा का रूट नहीं लिया और दूसरे एयरस्पेस का इस्तेमाल किया। सामान्य हालातों में एयर इंडिया की यूरोप जाने वाली फ्लाइट पाकिस्तान-ईरान-तुर्किये-ब्लैक सी के रास्ते जाती हैं। शुक्रवार तक यही रूट फॉलो किया जा रहा था।

भारत ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
साथ ही बता दें भारत ने ईरान के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है. ईरान में भारतीय दूतावास ने तनाव की स्थिति में वहां भारतीय नागरिकों की मदद के लिए एक इमरजेंसी नंबर जारी किया है। जानकारी के मुताबिक़ ईरान में लगभग 4000 भारतीय रहते हैं। वहीं, इजराइल में 18500 प्रवासी भारतीय रहते हैं। हाल ही में भारत से 6 हजार कामगारों को कंस्ट्रक्शन के काम के लिए इजराइल भेजा गया था। हालांकि, इजराइल में भारतीय दूतावास ने अब तक किसी तरह की कोई एडवाइजरी इश्यू नहीं की है।

दावा- इजराइल में कई जगहों को निशाना बनाएगा ईरान
टाइम्स ऑफ इजराइल ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि ईरान आने वाले दिनों में इजराइल और मिडिल ईस्ट में कई जगहों को निशाना बनाएगा। ईरान के अटैक से बचने के लिए अमेरिका इजराइल की मदद करेगा। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ईरान में कूज मिसाइलों और ड्रोन से जुड़ी भारी मुवमेंट ट्रैक की गई है। इसका मतलब ये हो सकता है कि हमला ईरान की धरती से ही हो।

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