महाकाव्य ‘रामायण’ पर आधारित एक नाटक के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में पुलिस ने शनिवार को पुणे विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और पांच छात्रों को शनिवार को गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि नाटक में आपत्तिजनक डायलॉग और सीन हैं. ड्रामे में सीता की वेशभूषा में एक पुरुष अभिनेता को सिगरेट पीते हुए भी दिखाया गया है. ABVP के पदाधिकारियों और पुणे ललित कला केंद्र के छात्रों के बीच शुक्रवार (2 फरवरी) की शाम को स्टेज पर नाटक को लेकर हाथापाई भी हुई थी.

ललित कला केंद्र द्वारा आयोजित इस नाटक में रामलीला में विभिन्न भूमिकाएं निभाने वाले कलाकारों के मंच के पीछे की हंसी-मजाक को दिखाया गया था.
पुलिस निरीक्षक अंकुश चिंतामन ने बताया कि एबीवीपी पदाधिकारी हर्षवर्धन हरपुड़े की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए) (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने ललित कला केंद्र के विभाग प्रमुख डॉ प्रवीण भोले और छात्रों भावेश पाटिल, जय पेडणेकर, प्रतामेश सावंत, ऋषिकेश दलवी और यश चिखले को गिरफ्तार कर लिया है.

प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, नाटक में सीता का किरदार निभाने वाले एक पुरुष कलाकार को सिगरेट पीते और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए दिखाया गया था. एफआईआर में कहा गया है कि जब एबीवीपी के सदस्यों ने नाटक पर आपत्ति जताई और प्रदर्शन को रोका, तो कलाकारों ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और उनके साथ मारपीट की.

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