पब्लिक फर्स्ट। पॉलिटिक्स फर्स्ट।
अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के द्वारका में समुद्र के अंदर गए। पीएम मोदी उस जगह तक गए जहां द्वारका नगरी डूबी हुई है। पीएम मोदी अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए मोर पंख भी लेकर गए थे। द्वारका नगरी के दर्शन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह एक समुद्र की डुबकी नहीं बल्कि समय यात्रा थी। पीएम मोदी के समुद्र के भीतर जाने और कृष्ण भक्ति के वीडियो की चर्चा सोशल मीडिया से लेकर बाकी जगहों पर भी हो रही है।
पीएम मोदी ने तमिलनाडु के पल्लडम में जर्मन गायिका कैसेंड्रा माई स्पिटमैन से मुलाकात की। कैसेंड्रा ने ‘अच्युतम केशवम्…’ भजन गाकर मोदी को सुनाया। पीएम मोदी भी उनकी गायकी को सुनकर काफी मंत्रमुग्ध नजर आए। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया जो तेजी से वायरल हो रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने यूपी के संभल में स्थित कल्कि धाम का शिलान्यास किया। मोदी ने कहा, मुझे विश्वास है कि यह भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। 18 साल की प्रतीक्षा के बाद यह अवसर आया है। इस मौके पर कल्कि धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मोदी जैसा प्रधानमंत्री न हुआ है न होगा।
माना जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाने के बाद बीजेपी के एजेंडे में मथुरा शीर्ष पर रहेगा। जिस प्रकार 1989 में श्रीराम जन्मभूमि का प्रस्ताव लाया गया था उसी तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर भी बीजेपी कुछ बड़ा प्लान कर सकती है। बीजेपी के भीतर भी इस बात का मंथन जारी है |
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के बीच जमीन को लेकर विवाद है। काशी के एक गजट के अनुसार इस मस्जिद का निर्माण एक पुराने मंदिर की जगह पर कराया गया। सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या का फैसला 2019 में आने के दस महीने के भीतर ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि के विवाद ने तूल पकड़ा। सितंबर 2020 में मथुरा जिला अदालत में याचिका दायर की गई। मामला कोर्ट में है। ऐसे में अयोध्या और काशी की तरह मथुरा में भी जल्द ही सच्चाई सामने लाने की कोशिशे तेज़ किये जाने के संकेत मिलने लगे है। publicfirstnews.com