कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने अपनी पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए,पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे तक दिया हैं,उन्होने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस की व्यवस्था दुरूस्त करने की बात कही है,पब्लिक फर्स्ट के पास सिद्धार्थ सिंह राजावत को वो पत्र है जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं पर पार्टी को कमजोर करने की बात कही है…उन्होंने लिखा कि ‘मैं सिद्धार्थ सिंह राजावत, 1984 से कांग्रेस का सक्रिय कार्यकर्ता रहा हूं। 1988-89 में मैं एनएसयूआई से राजनीतिक सफर चालू किया और कई आंदोलन में भाग दिया। ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा करके प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को ज्ञापन दिया, यूथ कांग्रेस में कई राष्ट्रीय अध्यक्षों के साथ कार्य किया। कई जगह पर मध्य प्रदेश को रिप्रेजेंट किया। नेशनल कोऑर्डिनेटर के रूप में त्रिपुरा में काम किया। वर्धा में अहिंसा के रास्ते के कैंप अटेंड किए। आदरणीय राहुल गांधीजी के संग यात्रा की। मध्य प्रदेश में कई चुनावों में सक्रिय भूमिका अदा करी। लेकिन अब लगता है कि कांग्रेस पार्टी को कांग्रेस डीएनए के कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है इसलिए मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं और समस्त कांग्रेसियों व अपने कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने आज तक एक पारिवारिक सदस्य के रूप में मेरा सहयोग किया। अपनी मां समान पार्टी से इस्तीफा देने पर आज मैं और मेरा दिल बड़ा दुखी है। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए वफादारी निभाते हुए सिंधिया राजघराने से डायरेक्ट लड़ाई लड़ी। लक्ष्मीबाई की समाधि को शुद्ध करवाया। प्रियंका गांधी के ग्वालियर आगमन पर गद्दार सिंधिया के पोस्टर रेडिंग लगाकर गद्दारों को सबक सिखाने की कोशिश की। उक्त प्रकरणों के कारण मेरी निजी पैतृक संपत्ति को तोड़ने की आदेश किए गए। मेरे पिता की जमीन को सरकारी कर दिया गया। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए अत्यंत यातनाओं को सहा फिर भी विचलित नहीं हुआ और सामने सीना तानकर लड़ता रहा परंतु जब कांग्रेस ही कांग्रेस के दुश्मन हो जाएं तब दुश्मनों से लड़ा जा सकता है पर घर के अंदर कैसे लड़ सकते हैं। मैं आदरणीय राहुल गांधी जी से आग्रह करूंगा कि मेरे जैसे और भी कई कार्यकर्ता है जो पार्टी के भीतर ही राजनीति का शिकार है तो कृपया करके इस पर संज्ञान लें और इस व्यवस्था को दुरुस्त करें। जो संघी मानसिकता की लोग कांग्रेस में आ गए हैं उनको बाहर निकाल कर फेंके एवं कांग्रेस की अस्मिता को बचाएँ। इस पत्र के बाद प्रदेश कांग्रेस में बवाल मच गया है,दिल्ली से लेकर भोपाल तक पार्टी के नेता परेशान दिखाई दे रहे हैं

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