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रातापानी टाइगर रिज़र्व की घोषणा से भोपाल को “टाइगर कैपिटल” के रूप में भी जाना जाएगा

टाइगर रिज़र्व के विकास से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी मजबूती मिलेगी

रातापानी के जंगलों में 18 से अधिक बाघों का मूवमेंट बना रहता है, जिससे यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनेगा

रातापानी टाइगर रिज़र्व राजधानी भोपाल से नजदीक होने के कारण रेल एवं हवाई मार्गों से भी जुड़ा हुआ है, पर्यटकों की सुविधा के लिए हवाई और रेल संपर्क को और बेहतर बनाने की योजनाएं प्रचलन में हैं। अब यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का प्रमुख केंद्र भी बनेगा

रिज़र्व का कुल क्षेत्रफल 1271.456 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 763.74 वर्ग किलोमीटर कोर क्षेत्र और 507.653 वर्ग किलोमीटर बफर क्षेत्र शामिल हैं

रिज़र्व के विकास से भोपाल को देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा

पर्यावरण और पर्यटन के बीच संतुलन बनाते हुए इस क्षेत्र का विकास किया जाएगा, जिससे शहरी और वन्यजीवन का सामंजस्य बना रहेगा।

स्थानीय लोगों को नए रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे, खासकर पर्यटन और संबद्ध सेवाओं में।

मध्य प्रदेश को पहले से ही “टाइगर स्टेट” का दर्जा प्राप्त है, यह नया टाइगर रिज़र्व इस पहचान को और मजबूत करेगा

रिज़र्व के आसपास पर्यटकों के लिए उन्नत सुविधाएं, जैसे गाइडेड सफारी, ठहरने के विकल्प और शैक्षिक कार्यक्रम विकसित किए जा रहे है

वन विभाग द्वारा बाघों की सुरक्षा और आवाजाही के लिए आसपास के क्षेत्रों में वन्यजीव गलियारों को मजबूत किया जा रहा हैं

publicfirstnews.com

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