यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा हैविपक्ष संभल और बहराइच हिंसा पर सरकार को घेरने के मूड मेंCM योगी आदित्यनाथ ने भी मंत्रियों और विधायकों को दिए ये निर्देश।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. इस दौरान विपक्ष की तरफ से सर्कार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई गई है. समाजवादी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष संभल और बहराइच हिंसा को लेकर योगी सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है. साथ ही बिजली के निजीकरण, किसानों की समस्या कर कानून व्यवस्था को लेकर भी विपक्ष हमलावर रहेगा. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने मंत्रियों और विधायकों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने को कहा है. उन्होंने कहा है कि विपक्ष के हर आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।
रविवार को शीतकालीन सत्र को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से सदन को सुचारु रूप से चलाने और जनता के मुद्दों को उठाने की अपील की गई. बावजूद इसके विपक्ष इस बार सदन में जोरदार हंगामे का मूड बना चुका है. समजवादी पार्टी ने इस बार अपनी रणनीति बदलते हुए विधानसभा के बाहर नहीं, बल्कि सदन के भीतर प्रदर्शन का प्लान बनाया है।
सरकार अपनी सुविधा के हिसाब से चलाती है सत्र- सपा
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, ‘जब सरकार जनता की बात नहीं सुनती है तो विपक्ष को अपनी बात जोरदार तरीके से कहनी पड़ती है. सत्र को ज्यादा से ज्यादा दिन चलना चाहिए, लेकिन वे इसे अपनी सुविधा के हिसाब से चलाते हैं. नियम है कि सत्र साल में कम से कम 90 दिन चलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है.’
सत्र के दौरान उनकी पार्टी या विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम जनहित के मुद्दे उठाएंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संभल और बहराइच जैसी सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं. किसान, बिजली, महंगाई आदि के मुद्दे हैं. हम इन सभी की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस करेगी विधानसभा का घेराव
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा, ‘करीब 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य में अगर विधानसभा सत्र महज चार दिन का हो तो सरकार की जनता के मुद्दों को लेकर गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. सत्र का क्या मतलब है? यह हमारे निर्वाचन क्षेत्र और राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, शिक्षा, स्वास्थ्य पर चर्चा के लिए होता है. इसलिए हमने सत्र की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया है.’ यूपी कांग्रेस 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करेगी. इस बार 20 दिसंबर तक विधानसभा सत्र चलेगा।
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