छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है। 20 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। कांग्रेस मनपसंद शराब ऐप, धान खरीदी, कानून व्यवस्था और अनियमितता को लेकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। सत्र के दौरान विधायक अपनी तनख्वाह बढ़वाने की मांग कर सकते हैं। 4 संशोधन बिल पेश किए जाएंगे।
इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय मानसून सत्र के दौरान विधायकों ने अपनी सैलरी बढ़वा ली थी। स्पीकर डॉ रमन सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 20 दिसंबर तक शीत सत्र में चार बैठकें होंगी। पहले दिन राज्यसभा के पूर्व सांसद श्रीगोपाल व्यास और अविभाजित मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व विधायक नंदाराम सोरी को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
प्रदेश में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा
कानून व्यवस्था और बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर पहले ही सरकार विपक्ष के निशाने पर है। सत्र में कानून व्यवस्था का मुद्दा विपक्ष प्रमुखता से उठाएगी। विपक्ष लॉ एंड ऑर्डर के मामलों को लेकर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव ला सकती है।
प्रदेश में धान खरीदी बड़ा मुद्दा
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी किसानों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है। धान खरीदी की व्यवस्था सीधे किसानों से जुड़ा परमानेंट मुद्दा है। इसलिए सरकार किसी की भी हो शीतकालीन सत्र के दौरान ये मुद्दा जरूर उठता है।
इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने धान खरीदी केन्द्रों का दौरा किया था। ब्लॉक स्तर पर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुआ और अब सदन में भी इसकी गूंज सुनाई देगी। हालांकि इस मसले को लेकर विधानसभा घेराव भी किया जा सकता है।
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