मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर पहुंचे। वह यहां पर कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन द्वारा आयोजित यूपी-उत्तराखंड की महिला सांसदों व विधायकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया । करीब एक घंटे तक सीएम योगी यहां रहे । इसके बाद लखनऊ के लिए रवाना हो जाएंगे। कार्यक्रम स्थल के पास ही हेलिपैड का निर्माण किया गया है। मंच पर उत्तराखंड की महिला विधायकों ने मुख्यमंत्री को मोमेंटो सौंपा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा-उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की महिला सदस्यों का कानपुर में स्वागत है। बीते 3 वर्ष में विधानसभा नए-नए प्रयोग के लिए जानी जा रही है। विधानसभा पेपरलेस भी हो सकती है। विधानसभा में कई बार जरूरी विषयों पर चर्चा नहीं हो पाती है। जब समाज के सभी वर्ग के साथ बैठते हैं तब दलीय चर्चा से ऊपर उठकर बात करते हैं। उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ने महिला होने के नाते बेहद जरूरी मुद्दे उठाए।
स्वावलंबी गांव की तरफ हम बढ़ रहे
सीएम ने आगे कहा कि एक गांव आज 5 से 7 लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। स्वावलंबी गांव की तरफ हम बढ़ रहे हैं। विधायक रहते हुए आप समाज के लिए क्या कर रहे हैं, इससे ज्यादा याद किए जाएंगे। एक विधायक 5 से 6 लाख आबादी का नेतृत्व कर रहा है। ये सौभाग्य लाखों में किसी एक को मिलता है। कहा-मैं उत्तर प्रदेश में काम कर रहा हूं और उत्तराखंड मेरी जन्मभूमि रही है।
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूल अच्छे बनाए गए
योगी ने कहा- विधानसभा चुनाव के दौरान एक स्कूल बच्ची जा रही थी। मैंने बच्ची से बात की। मैंने उससे पूछा कि जूते क्यों नहीं पहने। बच्ची ने बताया कि भाई और मैं प्राइवेट स्कूल में पढ़ती हूं। उसी दिन बेसिक शिक्षा विभाग के साथ बैठक बुलाई। आज हम 1 करोड़ 91 लाख बच्चों को जूते मोजे और पूरी ड्रेस दे रहे हैं। एक जनप्रतिनिधि के रूप में शिक्षकों से बात कर सकते हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूल अच्छे बनाए गए। जनसहभागिता से ये काम किया गया।
लोकतंत्र हमारे रग-रग में बसा हुआ है
सीएम योगी ने कहा-जो अपने को प्रगतिशील देश कहते हैं वहां 10 फीसदी है। लेकिन यूपी में 14 फीसदी है। उत्तराखंड में 10 से ऊपर है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कर इसमें सुधार किया गया है। लोकतंत्र हमारे रग रग में बसा हुआ है। भारत की परंपरा ने कभी बात को किसी पर थोपा नहीं है। सभी को स्वतंत्रता दी गई है। लोकतंत्र बाद में आया लेकिन गणतंत्र 600 ईसा पूर्व से है। देश में जब 1952 में पहली बार चुनाव हुआ तो महिला को भी वोट देने का अधिकार दिया गया। इंग्लैंड में भारत के बाद अधिकार दिया गया।
महिला विधायकों के लिए एक मंच बने
कार्यक्रम में उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपके कार्य करने का तरीका बेहद अच्छा है। आज भी महिला पर अत्याचार हो रहा। कहीं रेप, मर्डर, महिला हिंसा जैसे अपराध महिलाओं के साथ हो रहा। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र करने के बहुत प्रयास हो रहे, लेकिन नहीं हो पा रहा।
विधायिका में पूरे विश्व में राजनीति में 10 परसेंट है। लोकसभा में 28 परसेंट ऐसी सीट थी, जहां महिला लड़ने के लिए नहीं मिल रही थी। राजनीति आज भी मेल डोमिनटेडेड है। आज भी पुरुष प्रधान देश है। कभी कभी कष्ट होता है, विधायक बनने के बाद भी पूछा जाता है कि क्या कर सकती हो।
महिला जब तरक्की करती है तब उसके चरित्र पर सवाल उठते हैं। कुछ हारने वाली सीट महिला को दे दी जाती है। लेकिन वो सीटें भी चाहिए जो जीती जा सकती हैं। भाई लोगों के मुकाबले महिला ज्यादा मल्टी टास्किंग हैं। उत्तराखंड में प्रधान से लेकर मेयर तक महिलाओं की भागदारी बढ़ी है। कोटद्वार में 40 वार्ड में आधे से ज्यादा पर महिला लड़ रही हैं।
हम चाहेंगे कि पूरे देश की महिला विधायकों के लिए एक मंच बने। जहां हम सभी मिले और विचारों का आदान प्रदान करें। हमें ताली भी मिलती है और गाली भी मिलती है। बेटे को संस्कार दीजिए जिससे निर्भया जैसे कांड न हो।
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