मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर जिले के बलिराम कुशवाहा (61 वर्ष) द्वारा अंगदान-महादान के निर्णय की सराहना की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बलिराम कुशवाहा को ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद, उनके परिजनों ने साहसिक निर्णय लिया और उनके अंगों को दान करने का संकल्प लिया। इसके परिणामस्वरूप दो जिंदगियों को नया जीवन मिला।
अंगदान के जरिए दो जिंदगियों को नया जीवन
जबलपुर से भोपाल और इंदौर तक ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अंगों का सफलतापूर्वक परिवहन किया गया। बलिराम कुशवाहा का हृदय AIIMS भोपाल भेजा गया, जबकि उनका लीवर इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल भेजा गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “मैं स्व. श्री बलिराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अंगदान का साहसिक कदम उठाया। उनके इस निर्णय से दो जिंदगियों को नया जीवन मिला है।” उन्होंने इस साहसिक निर्णय के लिए बलिराम जी के परिजनों को दिल से अभिनंदन किया।
पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा का ऐतिहासिक उपयोग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में पहली बार हार्ट ट्रांसप्लांट होने पर खुशी जताई और जबलपुर, भोपाल, और इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए समर्पित चिकित्सक दल, पुलिस और प्रशासन को धन्यवाद दिया।
22 जनवरी को जबलपुर मेडिकल कॉलेज में एक व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्यवाही की और एम्स भोपाल के डॉक्टरों की टीम ने रात में ही अंग रिट्रीव करने के लिए जबलपुर पहुंचने का प्रयास किया। पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा के माध्यम से अंगों को जबलपुर से भोपाल और इंदौर भेजा गया।
एक दिन में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए
हृदय को जबलपुर से भोपाल भेजने के लिए पीएमश्री एयर एम्बुलेंस का वायुयान उपयोग किया गया, जबकि लीवर को जबलपुर से भोपाल हवाई अड्डे तक हेलीकॉप्टर से और फिर भोपाल से इंदौर वायुयान के माध्यम से भेजा गया। इस प्रकार, तीन ग्रीन कॉरिडोर (जबलपुर, भोपाल, और इंदौर) बनाए गए और अंगों का परिवहन सफलतापूर्वक किया गया।
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