मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में जापान के टोक्यो शहर में आयोजित एक विशेष प्रदर्शनी का दौरा किया, जहां उन्होंने आदिवासी उत्पादों के बाजार को देखा और स्थानीय कारीगरों के शिल्प को सराहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के आदिवासी हस्तशिल्प, वस्त्र और कलाकृतियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रमोट करने के उपायों पर चर्चा की।

आदिवासी उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता
टोक्यो में आयोजित इस प्रदर्शनी में दुनियाभर के आदिवासी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश के आदिवासी कारीगरों द्वारा बनाए गए अद्वितीय शिल्प और कलाकृतियाँ प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के आदिवासी उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

डॉ. मोहन यादव ने कहा, “हमारा उद्देश्य मध्य प्रदेश के आदिवासी हस्तशिल्प और उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक मजबूत स्थान दिलाना है। इन कारीगरों के काम को विश्वभर में सराहना मिलनी चाहिए और हम इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

टोक्यो गवर्नर युरिको कोइके से मुलाकात
सीएम मोहन यादव ने अपने जापान दौरे के दौरान टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके से भी विशेष मुलाकात की। यह बैठक भारत और जापान के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। दोनों नेताओं ने आदिवासी कला, संस्कृति और उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

आदिवासी कला को वैश्विक मंच पर ले जाने की योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी कला और हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर रही है। इसमें प्रमुख पहलू आदिवासी उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाना और इनकी पहचान को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थापित करना है।

सीएम की पहल को वैश्विक पहचान की दिशा में अहम कदम
मुख्यमंत्री की इस पहल को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। टोक्यो में आयोजित इस प्रदर्शनी और गवर्नर युरिको कोइके से मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को नया मोड़ मिलने की संभावना है।

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