- मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का बहुप्रतीक्षित बजट सत्र 3 मार्च 2025 से प्रारंभ होने जा रहा है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर सत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। 
सत्र का कार्यक्रम:
• पहला चरण: 3 मार्च से 25 मार्च 2025 तक
• दूसरा चरण: 7 अप्रैल से 11 अप्रैल 2025 तक
• सार्वजनिक अवकाश: दोनों चरणों के बीच छह सार्वजनिक अवकाश निर्धारित हैं।

प्रमुख कार्यक्रम:
• 3 मार्च: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का अभिभाषण
• 4-6 मार्च: अभिभाषण पर चर्चा एवं धन्यवाद प्रस्ताव
• 7 मार्च: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा 2025-26 का आम बजट एवं 2024-25 का अनुपूरक बजट प्रस्तुति
• 8-10 मार्च: बजट पर सामान्य चर्चा
• 11 मार्च: चर्चा के उपरांत सरकार का उत्तर
इसके पश्चात, 12 से 24 मार्च तक विभागीय बजट पर विस्तृत चर्चा होगी। विनियोग विधेयक प्रस्तुत किए जाने के बाद, सदस्यों को निजी विधेयक या प्रस्ताव लाने का अवसर मिलेगा, जिन पर अध्यक्ष की स्वीकृति से चर्चा की जाएगी। सत्र के अंतिम दिन, सरकार द्वारा विधेयक, अध्यादेश या विधानसभा समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती हैं।
यह बजट सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ष 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला अवसर है जब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इससे पूर्व, 2019 से 2024 तक, विधानसभा और निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति में, जम्मू-कश्मीर का बजट संसद द्वारा पारित किया जाता था। 
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधानसभा के सदस्यों से 3 मार्च को सुबह 10 बजे अभिभाषण के लिए उपस्थित होने का आग्रह किया है। 
बजट सत्र के दौरान, विधायकों को पुलिस और कानून व्यवस्था से संबंधित प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि ये विषय केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन हैं। 
इस सत्र में, विभिन्न विधायी कार्यों के साथ-साथ, जम्मू-कश्मीर के विकास और प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।
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