मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए जिलों के कलेक्टरों, नगरीय निकायों और पंचायतों को सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगाने के निर्देश दिए हैं। इस कदम का उद्देश्य आम जनता को गर्मी में ठंडा पानी मुहैया कराना है, ताकि वेषण्य और गर्मी से होने वाली परेशानी से राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार गर्मी के मौसम में जल संकट की स्थिति से बचने के लिए सभी क्षेत्रों में उपयुक्त स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था की जाए, ताकि लोगों को इस गर्मी में पानी की कमी महसूस न हो।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने बयान में यह भी कहा कि सार्वजनिक प्याऊ लगवाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जो कि खासकर ग्रीष्म ऋतु में जनता के लिए वरदान साबित होती थी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और आम जनता को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता है, ताकि यह अभियान व्यापक स्तर पर सफल हो सके।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उपयुक्त स्थलों पर छाया की व्यवस्था करने की भी बात कही, ताकि गर्मी से बचने के लिए लोग वहां आराम कर सकें। इस पहल का उद्देश्य न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ाना है, बल्कि गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक लोगों को राहत देना भी है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे जल गंगा अभियान के अंतर्गत बूंद-बूंद जल बचाने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लें। इस अभियान के तहत राज्य सरकार जल संरक्षण की दिशा में अनेक गतिविधियाँ चला रही है, जो न केवल पानी बचाने में मदद करती हैं, बल्कि समाज में जल के महत्व को जागरूक भी करती हैं।

यह अभियान एक साझा प्रयास है, जिसमें राज्य सरकार, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मिलकर जल संरक्षण के लिए काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस पहल को राज्य में जल संकट से निपटने और जल की महत्वता को समझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “हम सबका यह कर्तव्य है कि हम जल का सदुपयोग करें और उसे बचाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएं। इस प्रकार के सामूहिक प्रयासों से हम प्रदेश में जल संकट की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं।”

यह पहल केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसमें सहयोग करना है, ताकि सभी को ग्रीष्म ऋतु में ठंडे पानी की सुविधा मिल सके और पानी का संकट भी कम हो।

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