श्योपुर (मध्य प्रदेश):
श्योपुर जिले स्थित राष्ट्रीय कूनो उद्यान में एक ऐतिहासिक और अत्यंत महत्वपूर्ण घटना घटी, जब सोमवार को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता “गामिनी” और उसके चार शावकों को बाड़े से मुक्त कर राष्ट्रीय उद्यान में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ा गया। यह कदम मध्य प्रदेश के लिए जैव विविधता संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा और कूनो उद्यान की अहमियत को और बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल प्रदेश, बल्कि एशिया महाद्वीप के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
दक्षिण अफ्रीका से लाई गई चीतों का पुनर्वास:
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस पुनर्वास प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा, “जैव विविधता की दृष्टि से, दक्षिण अफ्रीका से प्रदेश की धरती पर चीतों का पुनर्वास, न सिर्फ देश के लिए, बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।” उन्होंने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान को इस उद्देश्य के लिए चुना जाना मध्य प्रदेश के लिए सौभाग्य का विषय है और यह इस क्षेत्र की पर्यावरणीय महत्वता को भी रेखांकित करता है।
कूनो उद्यान का महत्व और प्रोजेक्ट की सफलता:
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कूनो (श्योपुर) में चीतों का पुनर्वास करने की प्रक्रिया पूरी तरह से वन विभाग के अमले की कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों का परिणाम है। कूनो उद्यान में चीतों की बाड़े से स्वतंत्र विचरण की ओर बढ़ने का यह कदम एक बड़ी सफलता है और यह पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता के महत्व को भी दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
पर्यटन और रोजगार सृजन में योगदान:
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चीतों की बढ़ती संख्या से चंबल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को नया प्रोत्साहन मिलेगा। चीतों के प्राकृतिक वातावरण में स्वच्छंद विचरण से यह क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगे।
चंबल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मिलेगा प्रोत्साहन:
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से चंबल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी और यहां के लोगों को अधिक रोजगार मिलेंगे। चंबल क्षेत्र के पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी और पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा, जिससे स्थानीय व्यापार और सेवा क्षेत्र को भी लाभ होगा।
आने वाली चुनौतियाँ और अवसर:
यद्यपि यह परियोजना ऐतिहासिक और उत्कृष्ट है, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसे कार्यान्वित करने में कई चुनौतियाँ आ सकती हैं, लेकिन वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की कड़ी मेहनत से इन चुनौतियों का सामना किया जाएगा। भविष्य में, चीतों का कुनबा बढ़ने के साथ-साथ इस क्षेत्र में जैव विविधता और पर्यावरण के संरक्षण के प्रयासों को और बल मिलेगा।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस परियोजना को मध्य प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण बताया और कहा कि यह न केवल राज्य के पर्यावरणीय परिदृश्य को समृद्ध करेगा, बल्कि इसके पर्यटन और रोजगार सृजन के माध्यम से चंबल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा। चीतों का यह पुनर्वास प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जो आने वाले समय में कई सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा।
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