पब्लिक फर्स्ट। लखनऊ। अभिषेक यादव।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और स्टाम्प प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य मंत्रिपरिषद ने 10,000 से 25,000 रुपये मूल्य के भौतिक स्टाम्प पेपर को चलन से बाहर करने का फैसला किया है।
31 मार्च 2025 के बाद अमान्य होंगे पुराने स्टाम्प पेपर
सरकार के अनुसार, इन मूल्यवर्ग के भौतिक स्टाम्प पेपर 31 मार्च 2025 तक मान्य होंगे। इसके बाद, इन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा और ये महज रद्दी कागज बनकर रह जाएंगे।
ई-स्टाम्पिंग को मिलेगा बढ़ावा
इस कदम से ई-स्टाम्पिंग प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्टाम्प प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी।
लखनऊ ट्रेजरी में 132 करोड़ के स्टाम्प पेपर पाए गए
आदेश के बाद लखनऊ सहित अन्य जिलों की ट्रेजरी में जांच के दौरान लगभग 5,630 करोड़ रुपये मूल्य के स्टाम्प पेपर पाए गए। अकेले लखनऊ ट्रेजरी में 132 करोड़ रुपये के स्टाम्प पेपर मौजूद हैं।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का यह निर्णय स्टाम्प प्रणाली में पारदर्शिता लाने और गड़बड़ियों को रोकने के लिए लिया गया है। इससे ई-स्टाम्पिंग को बढ़ावा मिलेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
नागरिकों से अनुरोध है कि वे 31 मार्च 2025 से पहले अपने पुराने स्टाम्प पेपर का उपयोग कर लें या ई-स्टाम्पिंग प्रणाली को अपनाएं, ताकि भविष्य में किसी असुविधा से बचा जा सके।