पब्लिक फर्स्ट। उज्जैन। अमृत बैंडवाल ।

उज्जैन के कालिदास अकादमी प्रांगण में राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन में देशभर से आए वैज्ञानिकों और छात्र-छात्राओं ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में 253 छात्र 17 विभिन्न विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं।

सम्मेलन की थीम और प्रमुख विषय
इस वर्ष सम्मेलन की थीम ‘विकास की बात विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के साथ’ रखी गई है। विभिन्न सत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, खगोल विज्ञान, जीआईएस एंड रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोग, कृषि एवं ग्रामीण प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप, इनोवेशन और स्किल डेवलपमेंट, भारतीय ज्ञान विज्ञान परंपरा और आधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर चर्चा हो रही है।

देश में वैज्ञानिकों की कमी पर चिंता
सम्मेलन के दौरान डीआरडीओ के पूर्व निदेशक सुधीर मिश्रा ने देश में वैज्ञानिकों की घटती संख्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की कमी के कारण कई रिसर्च सेंटर और लैब खाली पड़ी हैं। युवा वैज्ञानिकों को विज्ञान और अनुसंधान की ओर आकर्षित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम अहम भूमिका निभा सकते हैं।

सम्मेलन में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यक्रम में डीआरडीओ के वैज्ञानिक सुधीर मिश्रा, हैदराबाद के प्रकाश चौहान, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अर्पण भारद्वाज, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रविशंकर भारद्वाज सहित कई विशेषज्ञ शामिल हुए। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली जुड़े और वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं।

छात्रों के लिए आकर्षक प्रदर्शनियां और पुरस्कार
कालिदास अकादमी प्रांगण में छात्रों ने अपने नवाचारों और वैज्ञानिक मॉडल की प्रदर्शनी लगाई, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। विज्ञान उत्सव में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को ₹25,000, ₹20,000 और ₹15,000 के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा प्रतिभागियों को फैलोशिप दी जाएगी और उन्हें तकनीकी संस्थानों में इंटर्नशिप के अवसर भी मिलेंगे।

ड्रोन द्वारा मिसाइल अटैक में मिली सफलता
सम्मेलन में भारत की रक्षा तकनीक में हुई हालिया प्रगति पर भी चर्चा हुई। वैज्ञानिकों ने बताया कि भारत ने पहली बार ड्रोन द्वारा मिसाइल से हमला करने में सफलता प्राप्त की है, जो रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

publicfirstnews.com

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