- मुख्यमंत्री डॉ. यादव का विज़न
मध्यप्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह राज्य औद्योगिक इकाइयों को राशि के भुगतान के मामले में देश का प्रथम राज्य बनकर उभरा है। उन्होंने जोर दिया कि वृहद, सूक्ष्म, मध्यम उद्योगों के सभी देयकों का भुगतान समय पर पूर्ण कर लिया गया है। ऐसा कोई भी भुगतान लंबित नहीं है जो औद्योगिक इकाइयों को देय था।
- वृहद औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रोत्साहन • वर्ष 2024-25 में वृहद इकाइयों को 3100 करोड़ रुपये का लंबित इन्सेन्टिव
राज्य शासन ने वृहद औद्योगिक इकाइयों को कुल 3100 करोड़ रुपये का भुगतान करके यह संदेश दिया है कि औद्योगिक प्रोत्साहन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट है।
• औद्योगिक विभाग के अंतर्गत आज 702 करोड़ रुपये के इन्सेन्टिव का भी भुगतान किया गया है।
- एमएसएमई एवं समग्र औद्योगिक प्रोत्साहन पहल • एमएसएमई इकाइयों को 1075 करोड़ रुपये के लंबित इन्सेन्टिव का भुगतान
एमएसएमई विभाग के अंतर्गत उद्योगों को 1075 करोड़ रुपये के लंबित इन्सेन्टिव का भुगतान किया गया, जिसके साथ वर्ष 2024-25 में एमएसएमई इकाइयों को कुल 2162 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया गया है।
• डीबीटी के माध्यम से 1778 करोड़ रुपये का भुगतान
राज्य सरकार ने डीबीटी (डायरेक्ट बैंकिंग ट्रांसफर) के माध्यम से एमएसएमई और वृहद इकाइयों के लिए 1778 करोड़ रुपये की देय इन्सेन्टिव राशि का भुगतान किया।
• 2500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हुई लाभान्वित
इन प्रोत्साहन योजनाओं के चलते राज्य की 2500 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को लाभान्वित किया गया है। - विशेष:
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के शब्द स्पष्ट हैं – मध्यप्रदेश उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहन देने वाला ऐसा राज्य है जहाँ किसी भी औद्योगिक इकाई के भुगतान में कोई कमी नहीं रखी गई है। राज्य शासन औद्योगिकीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है और यह उपलब्धि देश में अपने आप में मिसाल कायम करती है।
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