• HIGHLIGHTS
  • 2025 को ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा
    • हर जिले में आयोजित होंगे ‘उद्योग-रोजगार दिवस’
    • तेल घानी, मसाला चक्की, मिलेट यूनिट्स से युवाओं को जोड़ा जाएगा
    • ग्वालियर व्यापार मेले में 3,327 करोड़ रुपये का कारोबार
    • राज्य में 92 लाख लोगों को MSME इकाइयों से मिला रोजगार
    • 5,300 स्टार्टअप्स में 2,500 से ज्यादा महिलाओं के स्वामित्व वाले
    • रतलाम से शुरू होगा मंडियों का आधुनिकीकरण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) के माध्यम से मध्यप्रदेश के हर परिवार को रोजगार या स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। वर्ष 2025 को ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने MSME सेक्टर को विकसित भारत और विकसित मध्यप्रदेश की संकल्पना का आधार बताते हुए कहा है कि हर जिले में उद्योग-रोजगार दिवस का आयोजन किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर परिवार का कम से कम एक सदस्य रोजगार से जुड़े।

सीएम ने कहा कि तेल घानी, मसाला चक्की, कोदो-कुटकी और अन्य मिलेट आधारित प्रोसेसिंग यूनिट्स के जरिए युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। साथ ही खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों की भी प्रमुख भूमिका तय की जा रही है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसमें दूध, फल-सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की सुविधा भी जोड़ी जाएगी। इसकी शुरुआत रतलाम से होगी।

मुख्यमंत्री ने ग्वालियर व्यापार मेले में 3,327 करोड़ रुपये के व्यापार को रिकॉर्ड बताते हुए कहा कि प्रदेश में क्षेत्रीय ट्रेड फेयर की समेकित योजना तैयार की जा रही है।

उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में वर्तमान में 17.55 लाख MSME इकाइयाँ संचालित हो रही हैं, जिनसे 92 लाख लोगों को रोजगार मिला है। साथ ही 5,300 स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें 2,500 से ज्यादा महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में एमपी लघु उद्योग निगम को स्वर्ण पदक मिलने पर मुख्यमंत्री ने बधाई दी और इसे प्रदेश की उद्यमिता क्षमता की मान्यता बताया।

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