उज्जैन (मध्यप्रदेश): बिरगोद डेम में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मृतक का शव कायथा और तराना थानों की सीमा पर मिला, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कार्रवाई की जिम्मेदारी किस थाने की है।

जहां तराना पुलिस इस क्षेत्र को कायथा थाना क्षेत्र बता रही है, वहीं कायथा पुलिस इसे तराना थाना क्षेत्र का हिस्सा मान रही है। इस सीमा विवाद के कारण शव का अंतिम निपटान और कानूनी कार्रवाई दोनों ही प्रभावित हो रही हैं।

स्थानीय लोगों ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि “आदमी को मरने के बाद चैन मिलता है, लेकिन यहां तो शव भी विवादों में उलझा हुआ है।”

सवाल यह भी उठ रहा है कि लाखों रुपये वेतन पाने वाले पुलिसकर्मियों को अगर अपनी कार्यक्षेत्र की सीमा की जानकारी नहीं है, तो आम नागरिकों को न्याय कैसे मिलेगा?

एक स्थानीय नागरिक की टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर ध्यान खींचा – “अरे भाई, शव है तो हिंदुस्तान में ही ना!”

यह मामला न केवल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि तंत्र में समन्वय की कितनी कमी है।

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