उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज पशुपालन निदेशालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश में गो-संरक्षण को लेकर किए गए महत्वपूर्ण कार्यों और भावी योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 560 वृहद गो-संरक्षण केंद्रों के निर्माण को स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 387 केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है और 375 केंद्र क्रियाशील हैं।
प्रत्येक केंद्र में 400 गोवंश की क्षमता, लागत ₹160.12 लाख
- हर वृहद गो-संरक्षण केंद्र में 400 गोवंश रखने की व्यवस्था है।
- प्रति इकाई निर्माण लागत ₹160.12 लाख निर्धारित की गई है।
12 जिलों में 15 नए केंद्रों का लोकार्पण
मंत्री धर्मपाल सिंह द्वारा आज जिन 12 जिलों में 15 नए केंद्रों का लोकार्पण किया गया है, वे हैं:
आगरा, हरदोई, श्रावस्ती, फतेहपुर, ललितपुर, बिजनौर, संभल, बरेली, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच और मुहावरा।
गोबर से बने उत्पाद, आश्रय स्थल होंगे आत्मनिर्भर
पशुपालन विभाग द्वारा गो-आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं:
- गोबर से बने दीपक, धूपबत्ती, गमले और सजावटी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
- इन उत्पादों को प्रदेशभर में वितरित किया जाएगा ताकि इन केंद्रों को आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जा सके।
सरकार का लक्ष्य – सुरक्षित और सशक्त गो-आश्रय
सरकार इन केंद्रों को और बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त बजट पर भी काम कर रही है।
उद्देश्य है कि हर गोवंश को सुरक्षित वातावरण और स्वच्छ आश्रय उपलब्ध हो।
मुख्य बिंदु (Highlights):
- यूपी में 560 वृहद गो-संरक्षण केंद्रों की स्वीकृति
- 387 केंद्रों का निर्माण पूर्ण, 375 क्रियाशील
- 12 जिलों में 15 नवनिर्मित केंद्रों का लोकार्पण
- प्रत्येक केंद्र में 400 गोवंश रखने की व्यवस्था
- गोबर से दीप, धूप, गमले बनाकर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
- सरकार का बजट बढ़ाने का भी इरादा
publicfirstnews.com
