पब्लिक फर्स्ट । मथुरा । अभिषेक यादव ।
• स्थानीय पुजारी, गोस्वामी समाज, दुकानदार और ब्रजवासी कॉरिडोर का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि इससे वृंदावन की कुंज गलियों और ब्रज का पौराणिक महत्व खत्म हो जाएगा।
• लोगों का कहना है कि यह विकास नहीं, बल्कि वृंदावन का विनाश है—कॉरिडोर बनने से ऐतिहासिक गलियां टूटेंगी, जिससे भगवान श्रीकृष्ण के लीलास्थल का अस्तित्व मिट जाएगा।
• विरोध करने वालों को चिंता है कि इससे उनकी रोज़ी-रोटी पर भी असर पड़ेगा, और आम श्रद्धालु मंदिर से दूर हो जाएंगे।
• गोस्वामी समाज का कहना है कि मंदिर उनकी निजी संपत्ति है, सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और ट्रस्ट गठन के अध्यादेश का भी विरोध है।
• सेवायतों का आरोप है कि सरकार बिना उनकी सहमति के मंदिर की संपत्ति और निधि का इस्तेमाल करना चाहती है, जिससे उनकी भागीदारी और अधिकार कम हो जाएंगे।
• कुछ लोगों का मानना है कि भीड़ नियंत्रण के लिए कॉरिडोर जरूरी नहीं है, इसके अन्य उपाय किए जा सकते हैं।
सारांश:
कॉरिडोर का विरोध मुख्यतः धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा, स्थानीय लोगों की आजीविका, और मंदिर की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए हो रहा है
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