पब्लिक फर्स्ट । नई दिल्ली | इंडिया फर्स्ट डेस्क ।

भारत की रक्षा तकनीक ने एक बार फिर दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। भारतीय डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा विकसित D4 एंटी-ड्रोन सिस्टम (D4S) को लेकर ताइवान ने भारत से औपचारिक रूप से आग्रह किया है। यह जानकारी Indian Defence Research Wing की एक रिपोर्ट में सामने आई है।

ताइवान ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब उसे चीन से लगातार बढ़ते सैन्य खतरों का सामना करना पड़ रहा है। ड्रोन युद्ध के इस नए युग में भारत का D4S सिस्टम एक गेम चेंजर साबित हो सकता है — और ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में इसकी धमाकेदार परफॉर्मेंस इसकी मिसाल है।

क्या है D4 Anti-Drone System?

Bharat Electronics Limited (BEL) द्वारा निर्मित यह अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली एक मल्टी-लेयर डिफेंस शील्ड की तरह काम करती है। यह दुश्मन के ड्रोन को पहचानने, रोकने और नष्ट करने की क्षमता रखती है।

सिस्टम के तीन मुख्य काम:

1. Detection (पता लगाना): हाई-टेक सेंसर्स और रडार की मदद से हवा में उड़ रहे ड्रोन की रियल-टाइम पहचान और ट्रैकिंग।
2. Deterrence (रोकथाम): नॉन-लेथल तकनीकों जैसे इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और GPS स्पूफिंग से ड्रोन को निष्क्रिय करना।
3. Destruction (ध्वस्त करना): अगर खतरा बना रहता है, तो लेजर हथियारों की मदद से ड्रोन को जड़ से खत्म करना।

कैसे काम करता है D4S?

यह सिस्टम दो स्तर पर हमला करता है:

Soft Kill:
• रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग
• GPS स्पूफिंग
• ड्रोन की नेविगेशन और कम्युनिकेशन क्षमताएं पूरी तरह ठप
Hard Kill:
• हाई एनर्जी लेजर बीम से ड्रोन को फिजिकली नष्ट कर देना
• बेहद सटीक और त्वरित प्रतिक्रिया

सिस्टम की बनावट: टेक्नोलॉजी में भारत की महारत

• रडार और EO/IR सेंसर: लो-आरसीएस ड्रोन भी पकड़ने की क्षमता • इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट: रेडियो और GPS सिस्टम को जाम करना • लेजर हथियार: दुश्मन के हार्डवेयर को जलाकर खत्म करना • कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम: डेटा को रियल टाइम में प्रोसेस कर के सही निर्णय लेना • मोबाइल प्लेटफॉर्म: बॉर्डर हो या शहर, हर जगह तैनात करने की सुविधा

ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में D4S का जलवा

पाकिस्तान द्वारा तुर्की से लिए गए ड्रोन स्वार्म्स का जवाब देने में D4S ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

• ड्रोन झुंड को ट्रैक कर एक-एक को निष्क्रिय किया
• ज्यादातर ड्रोन ‘सॉफ्ट किल’ से हुए फेल, जो बचे उन्हें लेजर हथियारों से किया खत्म
• भारतीय संपत्तियों पर संभावित नुकसान को पूरी तरह रोका गया

यह ऑपरेशन भारत की ड्रोन वारफेयर क्षमता में आत्मनिर्भरता और तकनीकी बढ़त का जीता-जागता सबूत बना।

क्यों D4S बना दुनिया की नजरों का केंद्र?

ताइवान जैसे देश, जो चीन से संभावित खतरे से जूझ रहे हैं, अब भारत की ओर देख रहे हैं। D4S सिस्टम की सफलता और बहुपरत रक्षा क्षमता ने भारत को एक वैश्विक डिफेंस टेक्नोलॉजी हब के रूप में स्थापित कर दिया है।

भारत का संदेश साफ है:

अब हम न सिर्फ आत्मनिर्भर हैं, बल्कि दुनिया को भी सुरक्षा दे सकते हैं। D4 Anti-Drone System सिर्फ एक रक्षा तकनीक नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी शक्ति, रणनीतिक सोच और भविष्य के युद्ध की तैयारी का प्रतीक है।

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