2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का दोषी उज्जैन में पैरोल पर आया

सन 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के दोषी मोहम्मद शफीक अंसारी को पति‑पत्नी की बेटी की निकाह में शामिल होने के लिए उज्जैन लाया गया। गत वर्ष सितंबर 2024 में भी इसी कारण से कुछ दिनों के लिए पैरोल मिली थी।

कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंचा आरोपी

शफीक अंसारी गुजरात की अहमदाबाद जेल से दो एसीपी, दो टीआई एवं 12 स्पेशल पुलिस जवानों की टीम के साथ उज्जैन लाया गया। दोनों राज्यों की पुलिस ने मिलकर सुरक्षा कड़ी की—गुजरात पुलिस ने घर के चारों तरफ और छत पर तैनाती की, जबकि उज्जैन पुलिस ने अंदरूनी सुरक्षा संभाली।

मित्र नगर, उज्जैन में भारी पुलिस बल तैनात

रविवार रात मित्र नगर के रहने वाले शफीक अंसारी के घर के बाहर भारी पुलिसबल तैनात रहा, जहां जीवाजीगंज एवं चिमनगंज थाने की टीम भी तैनात थी। बताया गया है कि शादी सम्पन्न होने के बाद सोमवार को उसे अहमदाबाद वापस ले जाया जाएगा।

आज तक चली जांच और सजा का हाल

26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में 70 मिनट में 21 धमाके हुए थे, जिनमें 56 लोगों की जान गई और 200 से अधिक घायल हुए थे। इन घटनाओं की जांच में हजारों पुलिस कर्मियों ने भाग लिया और क़रीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला49 दोषियों में से 38 को Death Sentence और 11 को आजीवन कारावास की सजा दी गई। इनमे से शफीक अंसारी को आजिवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

सुरक्षा‑व्यवस्था और कानूनी तात्पर्य

इस पैरोल पर लाने की प्रक्रिया, सजा के बावजूद नागरिक जीवन में सम्मिलन और सुरक्षा के इंतज़ाम, देश में ‘सजा और सुधार’ के बीच संतुलन के महत्त्व को रेखांकित करती है। साथ ही यह घटना हमारे आपराधिक न्याय तंत्र और पुलिस प्रणाली की कार्यप्रणाली को भी सामने लाती है।

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