पब्लिक फर्स्ट। पन्ना । अनूप शुक्ल ।

पन्ना विधानसभा क्रमांक 60 से विधायक और मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में पन्ना क्षेत्र के भीषण जल संकट और गिरते भूमिगत जल स्तर को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अपने संबोधन में कुएं, तालाब और बावड़ियों के लुप्त होते अस्तित्व की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जल संरक्षण अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गया है।

विधानसभा में उठाया मुद्दा

विधायक सिंह ने सदन में कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना, जो बुंदेलखंड के जल संकट को दूर करने के लिए एक प्रमुख योजना है, उसका लाभ पन्ना जिले को भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इस परियोजना से पन्ना को जोड़ा जाए, तो क्षेत्र में पीने और सिंचाई के लिए जल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित हो सकती है।

पारंपरिक जल स्रोतों पर जोर

बृजेंद्र प्रताप सिंह ने जोर देकर कहा कि पन्ना में पारंपरिक जल स्रोत — कुएं, तालाब, बावड़ियां — तेजी से विलुप्त हो रहे हैं। उन्होंने संबंधित विभागों से अपील की कि इन जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए व्यापक परियोजनाएं और बजट प्रावधान किए जाएं।

सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी

अपने वक्तव्य में विधायक ने कहा कि सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है कि जल संरक्षण को लेकर गंभीर हो। उन्होंने जल संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और जन-जागरूकता अभियान की जरूरत बताई। उन्होंने स्कूलों, पंचायतों और युवाओं को इस अभियान में शामिल करने की बात भी कही।

पन्ना के लोगों के लिए उम्मीद

बृजेंद्र प्रताप सिंह की इस पहल को पन्ना विधानसभा क्षेत्र के लोगों की आवाज माना जा रहा है। वर्षों से जल संकट झेल रहे नागरिकों को अब इस मुद्दे के सदन में उठाए जाने से नवीन उम्मीद जगी है। यदि सरकार द्वारा ठोस कार्य योजना बनाई जाती है, तो यह क्षेत्र जल संकट से स्थायी समाधान की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

publicfirstnews.com

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