पब्लिक फर्स्ट। भोपाल। पुनीत पटेल।
मध्य प्रदेश में आयोजित वन विभाग की हालिया समीक्षा बैठक में पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक स्थलों के संवर्धन पर विशेष जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में हुई इस बैठक में अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए—
- वनों में स्थित आस्था स्थलों का विकास और संरक्षण
- नगर वनों का समुचित विकास और रखरखाव
- नदियों के किनारों से अतिक्रमण हटाना और पौधरोपण को बढ़ावा देना
- मगरमच्छ और अन्य जलीय जीवों को सुरक्षित जल संरचनाओं में छोड़ना
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस प्रक्रिया की शुरुआत नर्मदा और तवा नदियों से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन्यजीवों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना और धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों का संरक्षण करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने इस दिशा में तेज़ और ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
यह स्पष्ट है कि वन विभाग अब प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक विकास को भी साथ लेकर चल रहा है, ताकि पर्यावरणीय संरक्षण और सामाजिक समृद्धि दोनों सुनिश्चित हो सकें।
