3 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश की बागडोर संभालते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश को विकसित मध्यप्रदेश बनाने का जो संकल्प लिया था, आज दो वर्ष पूर्ण होने पर वह संकल्प जमीनी स्तर पर साकार होता स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इन दो वर्षों में राज्य ने विकास, सेवा और सुशासन के नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों की पंक्ति में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि हर निर्णय में जनता का हित सर्वोपरि रहे, हर योजना विकास को गति दे और हर कदम भविष्य की मजबूत नींव रखे। बुनियादी ढांचे के विस्तार से लेकर सामाजिक कल्याण योजनाओं तक, शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर उद्योग एवं निवेश तक—हर क्षेत्र में ठोस और दूरदर्शी पहल देखने को मिली है।
पिछले दो वर्षों में सड़कों, पुलों, औद्योगिक गलियारों और शहरी विकास परियोजनाओं ने प्रदेश की तस्वीर बदली है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई, जिससे गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा गया। औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरल नीतियां लागू की गईं, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हुए।
सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने पर विशेष जोर दिया। ई-गवर्नेंस, जनसुनवाई और समयबद्ध सेवा वितरण के माध्यम से आम नागरिकों को सीधे लाभ मिला। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, सरकारी अस्पतालों का उन्नयन और शिक्षा क्षेत्र में सुधारों ने सामाजिक विकास को मजबूती प्रदान की।
जनता का सहयोग बना आधार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अनेक अवसरों पर यह कहा है कि मध्यप्रदेश के हर नागरिक का आशीर्वाद और सहयोग ही इस सफलता की असली ताकत है। जनभागीदारी से संचालित योजनाओं और संवाद आधारित शासन ने सरकार और जनता के बीच विश्वास को और गहरा किया है।
आने वाले वर्षों को लेकर सरकार का विज़न और भी व्यापक है। हरित ऊर्जा, नवाचार, युवा सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की दिशा में योजनाएं तैयार की जा रही हैं, ताकि मध्यप्रदेश न केवल विकसित राज्य बने, बल्कि नए भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाए।
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