पब्लिक फर्स्ट। वॉशिंगटन।

2 करोड़ डॉलर की फंडिंग की, 20 स्कूल अमेरिका के फौजी ठिकानों के बेहद करीब
अमेरिकी एजुकेशन सिस्टम में चीन तेजी से घुसपैठ कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक- चीन ने अमेरिका के पब्लिक स्कूलों को करीब 2 करोड़ डॉलर की फंडिंग की है। हैरानी की बात ये है कि इन पब्लिक स्कूलों में से 20 ऐसे हैं, जो अमेरिकी मिलिट्री बेसेज के काफी नजदीक हैं।

अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियां लंबे वक्त से इन स्कूलों के स्टूडेंट्स और टीचिंग स्टाफ पर नजर रख रही हैं। खास बात ये भी है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में ज्यादातर की उम्र पांच से छह साल के बीच है।

नई रिपोर्ट में कई खुलासे

हाल ही में अमेरिकी ऑर्गनाइजेशन पेरेंट्स डिफेंडिंग एजुकेशन (PDE) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि अमेरिकी एजुकेशन सिस्टम में चीन का दखल बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने हाल ही में अमेरिकी स्कूलों में 1.8 करोड़ डॉलर से ज्यादा की फंडिंग की है। रिपोर्ट के मुताबिक- इससे भी ज्यादा खतरे की बात ये है कि इन सरकारी स्कूलों में से 20 ऐसे हैं, जो अमेरिकी मिलिट्री के बेसेज के बेहद करीब हैं।

इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया- इन स्कूलों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चों की उम्र पांच से छह साल के बीच है। इससे साफ जाहिर है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी बच्चों को मानसिक तौर पर चीन के पक्ष में करना चाहती है। यही वजह है कि उसने फंडिंग के लिए न सिर्फ सरकारी स्कूलों को चुना, बल्कि उसकी नजर एजुकेशन के बहाने अमेरिकी फौज तक पहुंचने पर भी है।

PDE की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के तीन टॉप साइंस एंड टेक्नोलॉडी हाई स्कूल ऐसे पाए गए हैं, जिनको चीन की सरकार सीधे तौर पर फंडिंग कर रही है। इनमें थॉमस जेफरसन हाई स्कूल, सिम्पसन काउंटी स्कूल और केंटुकी स्कूल ऑफ साइंस एंड मैथेमेटिक्स शामिल हैं।

चीन कैसे कर रहा है यह काम

रिपोर्ट के मुताबिक- चीन सरकार अमेरिका के खिलाफ यह साजिश अपने कम्फ्युशियस इंस्टीट्यूट्स के जरिए अंजाम दे रही है। ऊपरी तौर पर यह इंस्टीट्यूट चीनी कल्चर और लैंग्वेज प्रमोशन करता है, लेकिन इसकी आढ़ लेकर वो दुनिया के कई देशों में जासूसी कर रहा है। कुछ दिन पहले ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी।

2021 में चीन की इस साजिश का खुलासा हुआ था। इसके बाद पेंटागन ने कन्फ्युशियस इंस्टीट्यूट की मदद से चलने वाले तमाम इंस्टीट्यूट का ऑडिट किया। इसकी रिपोर्ट सामने आई तो चुपचाप अमेरिका की 100 यूनिवर्सिटी में कन्फ्युशियस के डिपार्टमेंट ही बंद कर दिए गए।

फरवरी में बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने उन स्कूलों की जांच शुरू की जो अमेरिका में हैं, लेकिन इनकी फंडिंग चीन की मिलिट्री करती है।

publicfirstnews.com

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