मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा:
“हमारा जीवन वनों से ही संभव है।”
उनका कहना है कि प्रदेश की वन भूमि जैव विविधता और हरियाली से परिपूर्ण है, जो पृथ्वी के फेफड़ों की तरह शुद्ध हवा प्रदान करती है।
वनों का संरक्षण और महत्व
• वन – पृथ्वी के फेफड़े:
वनों के बिना न केवल हमारी शुद्ध हवा बाधित होगी, बल्कि यह असंख्य वन्य जीवों का आश्रय स्थल भी है।
• जैव विविधता और हरियाली:
प्रदेश की वन भूमि में पाई जाने वाली जैव विविधता हमें प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरणीय स्थिरता प्रदान करती है।
विश्व वानिकी दिवस पर प्रतिबद्धता
• वन संरक्षण का आह्वान:
विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वनों के संरक्षण की प्रतिबद्धता दोहराई।
• प्रकाश-परिवर्तन का संदेश:
उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं और वन संरक्षण में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि हमारे जीवन और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वनों का संरक्षण अनिवार्य है। वन, जो हमारे पर्यावरण का आधार है, उन्हें संरक्षित कर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और संतुलित प्राकृतिक वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।
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