लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर : नारी सशक्तिकरण की प्रतीक
भोपाल में आयोजित लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने प्रेरणास्पद वक्तव्य में लोकमाता अहिल्याबाई की महान विरासत को नारी सशक्तिकरण का आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस पुण्य भूमि पर पधारे हैं, जो कभी होल्कर साम्राज्य का गौरवशाली हिस्सा रही है।
अहिल्याबाई होल्कर का सुशासन और नैतिक नेतृत्व एक आदर्श
मुख्यमंत्री ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर को भारतीय सुशासन, पारदर्शिता और नारी नेतृत्व की जीती-जागती मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो शासन प्रणाली चल रही है, वह इन्हीं ऐतिहासिक मूल्यों की प्रतिध्वनि है।
वीरांगनाओं की गौरवगाथा से प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती, रानी अवंतीबाई और राजमाता विजयाराजे सिंधिया जैसी वीरांगनाओं को स्मरण करते हुए कहा कि भारत की नारियों ने कभी भी राष्ट्र की अस्मिता से समझौता नहीं किया। उनके साहस, समर्पण और राष्ट्रभक्ति से आज की पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: लोकतंत्र और नारी सशक्तिकरण का प्रतीक
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा महामहिम द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद पर प्रतिष्ठित किए जाने को भारतीय लोकतंत्र की शक्ति, समरसता और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया। यह सामाजिक समावेश और जनसमर्थन की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
2014 से 2025: भारत की अद्भुत प्रगति
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से 2025 तक भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। आज भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और वैश्विक मंच पर निर्णायक भूमिका निभा रहा है, जिसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है।
गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी: विकास के चार स्तंभ
डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि गरीब, युवा, किसान और महिलाएं — ये चार स्तंभ भारत के विकास के मूल आधार हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार इन वर्गों के उत्थान के लिए मिलकर कार्य कर रही हैं ताकि समावेशी और स्थायी विकास संभव हो सके।
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