अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत बुधवार को जम्मू से पहले जत्थे के रवाना होने के साथ हो गई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर बेस कैंप से यात्रियों को झंडी दिखाकर यात्रा की औपचारिक शुरुआत की। श्रद्धालुओं ने ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारों के साथ इस पवित्र यात्रा में भाग लिया। आधिकारिक तौर पर अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी। इसी के साथ पंजाब के पठानकोट से भी यात्रियों के जत्थे को रवाना किया गया है, जो बालटाल रूट से बाबा बर्फानी की गुफा तक पहुंचेंगे।
इस बार यात्रा 38 दिन तक चलेगी और पहलगाम एवं बालटाल दोनों रूट से होगी। यात्रा का समापन रक्षाबंधन के दिन 9 अगस्त को होगा। पिछले साल अमरनाथ यात्रा 52 दिन तक चली थी, जिसमें लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस बार अब तक 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं, जो रोजाना लगभग 2,000 श्रद्धालुओं का पंजीकरण कर रहे हैं।
यात्रा के प्रमुख रूट और दूरी:
- पहलगाम रूट: यह रूट तीन दिनों में गुफा तक पहुंचता है और रास्ता अपेक्षाकृत आसान है, जिसमें ज्यादा खड़ी चढ़ाई नहीं होती। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है, जो बेस कैंप से 16 किमी दूर है। चंदनवाड़ी से तीन किलोमीटर की चढ़ाई के बाद पिस्सू टॉप आता है, जहां से शाम तक यात्रियों को शेषनाग पहुंचना होता है। शेषनाग से पंचतरणी तक करीब 14 किमी का सफर है, और पंचतरणी से गुफा तक मात्र 6 किमी बचती हैं।
- बालटाल रूट: यदि समय कम हो तो बालटाल रूट बेहतर विकल्प है, जहां चढ़ाई केवल 14 किमी की है, लेकिन चढ़ाई खड़ी और चुनौतीपूर्ण होती है। इस रूट पर रास्ते संकरे और मोड़ खतरनाक हैं, इसलिए बुजुर्ग और कमजोर यात्री इसे चुनते समय सावधानी बरतें।
यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:
- मेडिकल सर्टिफिकेट, चार पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड और ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म साथ रखना अनिवार्य है।
- यात्रा से पहले रोजाना 4-5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस और प्राणायाम जैसे सांस संबंधी व्यायाम करें।
- ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल और जरूरी दवाइयां साथ ले जाना आवश्यक है।
- स्वास्थ्य की दृष्टि से सावधानी रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए श्रद्धालुओं से अपील है कि वे अपनी सेहत और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए यात्रा करें और निर्धारित नियमों का पालन करें ताकि यह पवित्र यात्रा सुरक्षित और सफल हो सके।
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