स्पेन दौरे पर गए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मैड्रिड में अपने संबोधन के दौरान भारत और स्पेन के संबंधों को आत्मीय और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत गहरा बताया। उन्होंने कहा, “भारत और स्पेन दोनों भाई-भाई जैसे हैं। संस्कृति और सभ्यता अलग हो सकती हैं, लेकिन दोनों की आत्मा प्राचीन और एक जैसी है।” मुख्यमंत्री ने इस संबंध को केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि भविष्य की साझेदारी की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों की परंपराएँ, त्योहार, कला, संगीत और सामाजिक संरचनाएँ, अलग होते हुए भी एक अदृश्य सांस्कृतिक ताने-बाने से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्पेन और भारत के बीच यह सांस्कृतिक साम्य दोनों देशों के बीच पर्यटन, शिक्षा, कला, खेल और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग की असीम संभावनाएँ खोलता है।

डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि यह भाईचारा केवल परंपराओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि आधुनिक विश्व के बदलते परिप्रेक्ष्य में इसे नवाचार, तकनीक, व्यापार और युवाओं के भविष्य से भी जोड़ना चाहिए। भारत की युवा शक्ति और स्पेन की वैश्विक विशेषज्ञता मिलकर एक ऐसे मॉडल का निर्माण कर सकते हैं, जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से आदर्श बन सके।

मुख्यमंत्री ने अपनी स्पेन यात्रा को केवल औपचारिक नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के लिए व्यावहारिक और दूरदर्शी बताया। उन्होंने भरोसा जताया कि इस यात्रा के माध्यम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आर्थिक साझेदारी को नया विस्तार मिलेगा, और मध्यप्रदेश वैश्विक मंच पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेगा।

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