देहरादून/लखनऊ | 18 जुलाई 2025

उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) द्वारा पकड़े गए मौलाना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के धर्मांतरण रैकेट से जुड़ी परतें अब धीरे-धीरे खुलती जा रही हैं। अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह रैकेट न केवल यूपी तक सीमित था, बल्कि इसकी जड़ें उत्तराखंड तक फैली हुई हैं।

देहरादून में दो सहयोगी पकड़े गए

यूपी एटीएस ने देहरादून पुलिस के सहयोग से छांगुर बाबा के दो स्थानीय सहयोगियों की पहचान की है। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों का सीधा संपर्क छांगुर बाबा से था और वे उत्तराखंड की पहाड़ी क्षेत्रों की युवतियों को अपने जाल में फंसाने की साजिश रच रहे थे।

लव जिहाद के दर्जनों मामलों की पुष्टि

पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार, पौड़ी और जौनसार क्षेत्र की अनेक हिंदू लड़कियाँ पिछले कुछ वर्षों में गायब हुई हैं। इनमें से कई मामले ‘लव जिहाद’ से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।स्थानीय पुलिस को शक है कि इनमें से कई पीड़ित लड़कियाँ छांगुर के नेटवर्क का शिकार हो सकती हैं।

अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी

यूपी पुलिस ने देहरादून के शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान को हिरासत में लिया है, जो छांगुर के नेटवर्क का हिस्सा बताया जा रहा है।
उसके घर से महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

यूपी एटीएस अब्दुल को साथ ले गई है, जिससे पूछताछ में यह पता लगाया जा रहा है कि देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में कन्वर्ज़न रैकेट का दायरा कितना व्यापक है।

डोईवाला की मरियम भी जांच के घेरे में
  • इस रैकेट में डोईवाला क्षेत्र की मरियम नामक महिला का नाम भी सामने आया है।
  • यूपी पुलिस ने मरियम से लंबी पूछताछ की है।
  • प्रारंभिक जांच में संदेह है कि मरियम भी किसी न किसी रूप में धर्मांतरण रैकेट से जुड़ी हुई थी।
  • हालाँकि, उसकी भूमिका की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है और पुलिस स्थानीय स्तर पर उसकी गतिविधियों की गहनता से जांच कर रही है।
स्थानीय पुलिस सतर्क, जांच तेज

छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद देहरादून पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गए हैं। एसएसपी अजेय सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश एटीएस से इनपुट मिलने के बाद कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है। हालाँकि, पुलिस का कहना है कि तथ्यात्मक जानकारी आने के बाद ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।

निष्कर्ष

मौलाना छांगुर बाबा का कथित धर्मांतरण रैकेट अब एक पैन-स्टेट नेटवर्क के रूप में उभर रहा है, जिसकी शाखाएँ यूपी के बाहर उत्तराखंड तक फैल चुकी हैं। उत्तराखंड में ATS और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से कई गंभीर खुलासों की उम्मीद की जा रही है।

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