पब्लिक फर्स्ट । भोपाल । प्रवाल सक्सेना ( पॉलिटिकल एडिटर ) ।

महाकाल सवारी में बना रिकॉर्ड, उज्जैन ने रचा इतिहास

श्रावण मास की परंपरागत महाकाल सवारी में इस बार श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या देखने को मिली। उज्जैन की सड़कों पर शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

प्रशासन की बेहतरीन व्यवस्था और श्रद्धालुओं की आस्था ने इस आयोजन को राष्ट्रीय धार्मिक आयोजन का स्वरूप देने की मांग को और बल प्रदान किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं इस आयोजन की सफलता की सराहना की और संकेत दिया कि भविष्य में महाकाल यात्रा को देश का प्रतिष्ठित आयोजन बनाया जाएगा।

  • जानकारी के अनुसार, इस बार करीब 20 लाख श्रद्धालुओं की उपस्थिति दर्ज की गई।
  • रेलवे, रोडवेज और स्वास्थ्य सेवाओं ने विशेष इंतजाम किए।
  • ड्रोन कैमरों और निगरानी प्रणाली से सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया।

किसानों को राहत: खाद की उपलब्धता होगी सुनिश्चित

मुख्यमंत्री ने खाद और बीज को लेकर सभी मंत्रियों और प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि:

  • बोवनी के समय कोई भी किसान खाद से वंचित न रहे।
  • काला बाज़ारी पर सख्त कार्रवाई की जाए।
  • गुणवत्ता युक्त उर्वरक ही वितरित किए जाएं।

बोवनी का समय किसानों के लिए संवेदनशील होता है। सरकार चाहती है कि इस दौरान किसानों को कोई कठिनाई न हो।

बायोस्फीयर संरक्षण पर बड़ा कदम

मध्यप्रदेश सरकार ने पचमढ़ी, टाइगर रिजर्व, और जैव विविधता क्षेत्रों को लेकर विशेष कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है:

  • पचमढ़ी क्षेत्र को यूनेस्को बायोस्फीयर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
  • इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • वन्यजीव संरक्षण और स्थानीय समुदायों के विकास को प्राथमिकता मिलेगी।

मध्यप्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व हैं, जो देश में सबसे अधिक बाघों की संख्या के लिए जाने जाते हैं।

उज्जैन और ग्वालियर मेले में ऑटो सेक्टर को राहत

सरकार ने विक्रमोत्सव व्यापार मेला (उज्जैन) और राजमाता सिंधिया व्यापार मेला (ग्वालियर) में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए:

  • ऑटोमोबाइल सेक्टर पर 50% टैक्स छूट देने की मंजूरी दी है।
  • इससे मेले में व्यापारियों और ग्राहकों दोनों को लाभ होगा।
  • इससे मेले की बिक्री और रोजगार दोनों में वृद्धि की संभावना है।

प्रदेश को मिलेगा विश्वस्तरीय डाटा सेंटर

डिजिटल इंडिया के तहत मध्यप्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि:

  • राज्य में एक विश्वसनीय और अत्याधुनिक डाटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा।
  • यह सेंटर राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख डाटा सेंटर्स में शामिल होगा।
  • इससे सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण, डेटा सिक्योरिटी और IT सेक्टर को नया बल मिलेगा।
  • प्रदेश में E-Governance और AI आधारित परियोजनाओं को इससे बड़ी गति मिलेगी।

जल विद्युत परियोजनाओं का होगा नवीनीकरण

1960 में स्थापित गांधी सागर जल विद्युत गृह और मेवाड़ के राणा प्रताप जल विद्युत गृह को:

  • नवीनीकरण के लिए 1037 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है।
  • इसमें सरकार का योगदान 30% रहेगा।
  • शेष राशि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से प्राप्त की जाएगी।
  • इस परियोजना से ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि और स्थायी बिजली व्यवस्था को बल मिलेगा।

निष्कर्ष:

मध्यप्रदेश सरकार ने सावन के इस पवित्र माह में न सिर्फ धार्मिक, बल्कि कृषि, पर्यावरण, व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में भी बड़े निर्णय लेकर विकास की नई इबारत लिखी है।
महाकाल की नगरी से शुरू हुआ यह संकल्प, अब समूचे भारत में एक धार्मिक और विकासशील मॉडल के रूप में उभरता दिखाई दे रहा है।

publicfirstnews.com

Share.

Comments are closed.