पब्लिक फर्स्ट । खातेगांव /देवास ।अनिल उपाध्याय ।

खातेगांव क्षेत्र में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान रानीबाग निवासी कैलाश उइके (32) की बागदी नदी में डूबने से मौत हो गई।

शनिवार शाम हुए हादसे के बाद 14 घंटे बाद रविवार सुबह 9 बजे 15 फीट की गहराई शव बरामद किया गया।

खातेगांव के रानीबाग से दो समितियां विसर्जन के लिए निकली थीं। एक समिति नर्मदा नदी घाट राजौर गई। दूसरी समिति ने देर होने के कारण बागदी नदी में विसर्जन का निर्णय लिया। शाम 7 बजे विसर्जन के दौरान कैलाश पिता गब्जी उइके अपने साथियों के साथ नदी में उतरे। तेज बहाव में वह गहराई में चले गए। साथियों ने बचाने की कोशिश की। किसी को तैरना नहीं आता था, इसलिए वह बच नहीं पाए।

पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचा। SDRF और पुलिस टीम ने रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। एसडीएम प्रवीण प्रजापति, तहसीलदार अवधेश यादव और टीआई विक्रांत झांझोट मौके पर मौजूद रहे। अंधेरे और मटमैले पानी के कारण रात में तलाश संभव नहीं हो सकी।

सुबह फिर की गई तलाश

रविवार सुबह 6:30 बजे से SDRF और नेमावर के गोताखोरों ने फिर से खोजबीन शुरू की। ढाई घंटे बाद घटनास्थल से 20 फीट दूर शव मिला। गोताखोरों के अनुसार, नदी की गहराई असमान है। कहीं 5 फीट तो कहीं 15-20 फीट गहरा पानी है। शव जहां मिला, वहां पानी 15 फीट से ज्यादा गहरा था।

कैलाश छह भाइयों में से एक था और राजमिस्त्री का काम करते था। परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। शव को खातेगांव के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप कर खातेगांव पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है। इस घटना से पूरे रानीबाग और आसपास के क्षेत्र में शोक छा गया है।

publicfirstnews.com

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