आज हम सीधे सिंगरौली के घिराली कोल ब्लॉक से जुड़ी जंगल की सबसे बड़ी लूट का पर्दाफाश करने जा रहे हैं। सवाल सीधा है—क्या मध्यप्रदेश का Forest Department सो रहा था? या फिर यह सब उनकी आँखों के सामने जानबूझकर होने दिया गया?
सिंगरौली में मशीनों से बड़े पैमाने पर, असामान्य गति से पेड़ काटे जा रहे हैं…
हजारों पेड़—एक बार में!
पर्यावरण, जमीन, जंगल, भविष्य—सबका संतुलन खत्म।
और Forest Department?
पूरी तरह बेखबर!
या फिर… चुपचाप मिलीभगत?
यही कारण है कि अब मामला राजनीतिक तौर पर भी विस्फोटक हो चुका है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने एक तथ्य अन्वेषण समिति गठित की है, जो 11 दिसंबर तक ग्राउंड पर जाएगी— क्योंकि Forest Department से कोई जवाब नहीं मिला!
Public First News यह सवाल जोर से उठा रहा है—
जब हजारों पेड़ काटे जा रहे थे… तब Senior Forest Officers कहाँ थे?
क्या उन्होंने साइट का इंस्पेक्शन किया था?
क्या Environmental Clearance व Forest Conservation Act के नियमों की जाँच की गई?
क्या सार्वजनिक सुनवाई करवाई गई?
क्या स्थानीय लोगों की आपत्तियाँ दर्ज की गईं?
जवाब—शून्य।
फाइलों में सब ठीक… जमीन पर सब गलत।
कांग्रेस का आरोप है—
यह केवल कोल ब्लॉक की तैयारी नहीं,
यह पर्यावरण पर सीधा हमला है।
यह सिंगरौली के जंगलों को बर्बाद करने की साजिश है।
सबसे गंभीर आरोप—
✔ Environmental Impact Assessment नहीं
✔ Public hearing नहीं
✔ Reforestation Plan नहीं
✔ Norms की अनदेखी
✔ मशीनों से बड़े पेड़ों की जड़ें उखाड़ी जा रहीं
और Forest Department को “पता ही नहीं”?
क्या हम यह मान लें?
Public First News यह मानने को तैयार नहीं!
आज हमारा सवाल है— क्या Madhya Pradesh Forest Department अब सिर्फ फाइलों का डिपार्टमेंट रह गया है?
जमीन पर वन अधिकारी की कोई जिम्मेदारी नहीं? हम Forest Minister और Chief Conservator से यह मांग करते हैं— घिराली कोल ब्लॉक की अनदेखी में शामिल Senior Forest Officials को तत्काल निलंबित किया जाए। सस्पेंशन—इंक्वायरी—और पब्लिक रिपोर्ट—तीनों तुरंत हों।
सिंगरौली का जंगल सिर्फ पेड़ नहीं—
यह हजारों परिवारों की सांसें है,
यह मध्यप्रदेश का फेफड़ा है।
और इस फेफड़े पर सबसे बड़ा वार—
Forest Department की अज्ञानता और गैर-जिम्मेदारी ने किया है।
हमारा Public First सवाल दो टूक—
👉 कौन है इस जंगल विनाश का असली जिम्मेदार?
👉 क्यों नहीं हुई समय पर कार्रवाई?
👉 किस Senior Officer ने आँखें बंद रखीं?
👉 क्या लापरवाही पर आज ही निलंबन होगा?
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