पब्लिक फर्स्ट।

टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली टाइटन पनडुब्बी 5 लोगों के साथ रविवार दोपहर से लापता है। रॉयटर्स के मुताबिक, ये पनडुब्बी भारतीय समय के मुताबिक शाम 5:30 बजे अटलांटिक महासागर में छोड़ी गई थी। इसमें 96 घंटे की ऑक्सीजन रहती है। आज दोपहर 1:30 बजे तक 5 घंटे की ऑक्सीजन बची होने का अनुमान है।

रेस्क्यू टीम में शामिल ऑफिसर्स ने बताया कि पनडुब्बी के सर्च ऑपरेशन में 10 और जहाज और कुछ सबमरीन्स भी उतारी गई हैं। ऑपरेशन को लीड कर रहे कैप्टन ने कहा- हमें नहीं पता है कि वो लोग कहां हैं। बुधवार को टाइटैनिक के मलबे के पास से रिकॉर्ड हुई आवाजों के आधार पर सर्च का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब अमेरिकी स्टेट कनेक्टिकट से दुगने बड़े क्षेत्र में इसे ढूंढा जा रहा है। कनेटिकट का क्षेत्रफल 13,023 स्क्वायर किमी है।

बिजली सप्लाई रुकी तो ऑक्सीजन-CO2 का बैलेंस बिगड़ जाएगा
BBC ने बताया कि पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म होना ही इकलौती दिक्कत नहीं है। पानी में रहने के दौरान मुमकिन है कि उसमें बिजली की सप्लाई ठप हो गई हो। अगर ऐसा हुआ तो ऑक्सीजन और कार्बन डायऑक्साइड (CO2) के बीच बैलेंस बनाना नामुमकिन हो जाएगा। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, टाइटन पनडुब्बी सिर्फ 22 फीट लंबी है, जिसमें बैठने के लिए सीट नहीं हैं।

बुधवार को मलबे के पास से आई थीं कुछ आवाजें
इससे पहले बुधवार को कनाडा की तरफ से सर्च ऑपरेशन में शामिल एक एयरक्राफ्ट को सोनार-बॉय की मदद से कुछ आवाजें सुनाई दी थीं। NN के मुताबिक, ये उसी जगह के पास से रिकॉर्ड की गईं जहां टाइटैनिक का मलबा मौजूद है। आवाजें करीब 30 मिनट के इंटरवल पर रिकॉर्ड हुई थीं। फिर 4 घंटे बाद सोनार ने दोबारा इन्हें डिटेक्ट किया था।

भारत में चीते लाने वाले ब्रिटिश अरबपति भी पनडुब्बी में मौजूद
पनडुब्बी को ढूंढने के लिए अंडरवाटर रोबोट सहित अमेरिका और कनाडा के 3 C-130 हरक्यूलस एयरक्राफ्ट भेजे गए हैं। इसके अलावा एक P-8 एयरक्राफ्ट और 2 कनाडाई सर्फेस शिप्स भी सर्च ऑपरेशन में शामिल हैं। इस पनडुब्बी में ब्रिटेन के अरबपति हैमिश हार्डिंग मौजूद हैं, जिन्होंने भारत में चीता लाने में सहयोग किया था।

इसके अलावा पनडुब्बी में फ्रांस के डाइवर पॉल-हेनरी, पाकिस्तानी-ब्रिटिश कारोबारी शहजादा दाऊद, उनका बेटा सुलेमान और ओशनगेट कंपनी के CEO स्टॉकटॉन रश मौजूद हैं। ओशनगेट कंपनी ही इस टाइटन सबमरीन की मालिक है।

फरवरी में जारी हुआ था मलबा देखने जा रहे यात्रियों का वीडियो
इस साल फरवरी में टाइटैनिक का मलबा देखने जाने की पिछली यात्राओं में से एक का वीडियो यूट्यूब पर जारी किया गया था। इसमें 80 मिनट के अनकट फुटेज थे। फिर मई में जहाज के मलबे का पहला फुल साइज 3-D स्कैन भी प्रकाशित किया गया था। हाई रेजोल्यूशन फोटोज में मलबे को री-कंस्ट्रक्ट किया गया। इसके लिए डीप सी मैपिंग तकनीक का उपयोग किया गया था।

2022 में डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगलन लिमिटेड और अटलांटिक प्रोडक्शंस ने एक बार फिर री-कंस्ट्रक्शन किया। अटलांटिक के तल पर जहाज के मलबे का सर्वेक्षण करने में विशेषज्ञों ने 200 घंटे से ज्यादा का समय बिताया। उन्होंने रिमोटली कंट्रोल्ड पनडुब्बी से स्कैन बनाने के लिए 7 लाख से ज्यादा फोटोज लिए थे। डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगलन लिमिटेड और अटलांटिक प्रोडक्शंस इस प्रोजेक्ट पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बना रही हैं।

publicfirstnews.com

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