पब्लिक फर्स्ट। काठमांडू।
नेपाल के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर से 10 किलोग्राम गोल्ड यानी सोना गायब होने का मामला तूल पकड़ रहा है। अब यह मामला संसद में उठा है। इस मुद्दे पर बहस के दौरान एक सांसद ने कहा- यह घटना शर्मनाक है। इससे देश की बदनामी हो रही है। इसकी बारीकी से जांच होनी चाहिए।
मंदिर से कुछ दिन पहले सोना गायब होने की शिकायत सरकार को मिली थी। रविवार को एंटी करप्शन यूनिट ने इसकी जांच की थी। इस दौरान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया था। शाम 6 बजे जांच एजेंसी की टीम अंदर गई और रात 2 बजे तक हर पहलू को खंगाला।
सच्चाई छिपाने का आरोप
सोमवार को संसद में इस मामले पर बहस हुई। नेपाली कांग्रेस के सांसद प्रदीप पौडेल ने कहा- इस मामले की जांच पार्लियामेंट्री कमेटी को करनी चाहिए। जांच के नाम पर लीपापोती नहीं होनी चाहिए। इस मामले की वजह से देश की बदनामी हो रही है। करप्शन को किसी भी तौर पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
एक और सांसद ने कहा- इस मामले को आप चोरी कहें या करप्शन, लेकिन जो भी हुआ उससे हम शर्मसार हैं। सवाल ये भी है कि अगर 2021 में ही इसका पता लग गया था तो दो साल तक जांच क्यों नहीं हुई? आखिर किसको बचाने की कोशिश हो रही थी? जांच इतनी देरी से शुरू होना ही इस बात का सबूत है कि कोई तो है, जो नहीं चाहता कि मामला देश के सामने आए।
कहां से गायब हुआ गोल्ड
- यह मामला 2021 का है। उस दौरान केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री थे। तब मंदिर में स्थापित शिवलिंग के नीचे गोल्ड बेस बनाया गया था। लोकल लैंग्वेज में इसे झालारी कहा जाता है। यह गोल्ड मंदिर की प्रॉपर्टी था और इसी में से 11 किलोग्राम गोल्ड गायब हो गया।
- सांसद पौडेल ने कहा- मंदिर के अंदर से सोना कैसे गायब हुआ। हमने दो साल पहले भी यह सवाल संसद में उठाया था। कितनी हैरानी की बात है कि मेरा उस वक्त का सवाल संसद के रिकॉर्ड से भी गायब कर दिया गया। आज हम सब शर्मिंदा हैं।
- उन्होंने आगे कहा- जब दो साल पहले ही एंटी करप्शन एजेंसी के पास शिकायत पहुंच गई थी तो जांच क्यों नहीं हुई? हमारी मांग है कि अब एक संसदीय समिति बनाई जाए और वही इस मामले की जांच करे।
- पशुपतिनाथ एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक- 2021 झालारी बनाने के लिए 103 किलोग्राम सोना रखा गया था। इसमें से 11 किलोग्राम बेस रिंग के लिए था। यही गोल्ड गायब है।
एक अफसर के खिलाफ केस दर्ज
‘काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक- सोमवार दोपहर जांच एजेंसी ने इस मामले में पशुपतिनाथ एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के एक पूर्व अफसर डॉक्टर प्रदीप ढकाल के खिलाफ करप्शन का केस दर्ज कर लिया। उन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
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