पब्लिक फर्स्ट। इंटरनेशनल डेस्क।
क्या आप जानते है, आतंकवाद को पनपाने और उसे पोषित करने के पीछे पाकिस्तान का नही बल्कि उसके सबसे बड़े मददगार, सऊदी अरब का हाथ है। वो ही सऊदी अरब जो अपने पैट्रोल और डीज़ल के भण्डार का इस्तेमाल पूरे विश्व में इस्लाम को फैलाने में लगाता आया है। पहले जानिए भारत की अंग्रेज़ो से आज़ादी से पहले भी कैसे इस्लाम के नाम पर सऊदी अरब ने भारत के टुकड़े करवाने में की थी मोहम्मद अली जिन्ना की मदद।
आतंकी पाकिस्तान और आका सऊदी की दोस्ती
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सऊदी अरब का आतंकी मुल्को से कनेक्शन अगर गौर से समझे तो विश्व के सैकड़ो देश, पैट्रोल और डीज़ल के लिये सऊदी अरब पर निर्भर है। सऊदी अरब सिर्फ तेल के सहारे ही, एक अमीर मुल्क बन चुका है। कभी रेगिस्तान पर ऊंटो के सहारे खाना तलाशने वाले लोग अब खरबपति बन गये है।
तेल से मिली इस अकूत दौलत के सहारे ही, सऊदी अरब पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्को की मदद करता आया है। पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल इस्लामिक आतंकवाद को फैलाने में करता आया है। भारत के खिलाफ जेहाद में सऊदी अरब के तेल के इसी पैसे का इस्तेमाल पाकिस्तान की ताकत बना हुआ है।
कंगाल पाकिस्तान को फिर सऊदी ने दिया सहारा
कभी अखंड भारत और सनातन संस्कृति का हिस्सा रहा पाकिस्तान, सऊदी अरब के इसी तेल के पैसे से मिली खैरात के सहारे, इस्लामिक मुल्क के तौर पर खड़ा हुआ है। जब जब खैरात का पैसा खत्म होता है तब तब पाकिस्तान के लोगो में, भारत और सनातन संस्कृति के अपने पूर्वजों से जुडे सवालों पर चर्चा होना शुरु हो जाती है।
अपने हाथ से इस्लामिक मुल्क हाथ से जाता देख, सऊदी अरब फिर से पाकिस्तान को खैरात दे देता है और फिर से पाकिस्तान, इसे भारत के सनातनियों के खिलाफ, आतंकवाद में इस्तेमाल करने लगता है। यानि, हिन्दुओं के खिलाफ, इस्लामिक जेहाद के लिये, पाकिस्तान, सऊदी के उसी तेल के पैसे का इस्तेमाल करता है जो कि खुद हम, अपनी गाड़ियों में डलाकर, धुंआ करते है।
पैदल चले, साईकिल चलाये इलैक्ट्रिक व्हिकल का इस्तेमाल करें
अब तक आप समझ चुके है कि, हमारे द्वारा खरीदे गये इसी तेल के पैसे से ही सऊदी अरब, क़तर जैसे मुल्क इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को छिपकर सहयोग करते है।
इसी पैसे से गोली बारुद और देश के गद्दारों को बड़े पैमाने पर भारत के टैक्स पेयर्स का ही पैसा पहुंचा दिया जाता है। ऐसे में अगर सनातनी भारतीय, पैदल चलें, साईकिल चलाये या इलैक्ट्रिक व्हिकल का इस्तेमाल करना शुरु कर दें, तो इससे आतंक और आतंक के आकाओं को बड़ी चोट लग सकती है।
फिर पाकिस्तान जैसे दहशतगर्द मुल्क को पनपने के लिये ना तो खैरात मिलेगी और ना पनपाने वालो को आतंक फैलाने का कोई जरिया। ज़रा सोचिए, ऐसा कर के आप अपने देश के पर्यावरण को भी बचा सकते है और खुद भी स्वस्थ रह सकते है और सबसे बढ़कर – भारत की सनातम संस्कृति के दुश्मनों को कंगाल कर सकते है।
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