पब्लिक फर्स्ट। केरल।

कर्नाटक ने सीमा से जुड़े जिलों में बढ़ाई निगरानी
केरल में निपाह वायरस का एक और केस सामने आया है। कोझिकोड में 39 साल का व्यक्ति वायरस से संक्रमित पाया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव केस बढ़कर 4 हो गए हैं। केरल में अब तक निपाह के कुल 6 केस आ चुके हैं जिसमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मरने वाले व्यक्ति को अभी कोझिकोड के अस्पताल में निगरानी में रखा गया है। राज्य सरकार ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए तैयारियां मजबूत कर ली हैं। कोझिकोड में संक्रमण मिलने वाली ग्राम पंचायतों को क्वारंटीन जोन घोषित कर दिया गया है।

हाई रिस्क कैटेगरी में 213 लोग
मरने वाले व्यक्ति के कॉटेक्ट लिस्ट के हाई रिस्क कैटेगरी वाले 15 लोगों के सैम्पल ले लिए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट लिस्ट में 950 लोग शामिल हैं जिनमें से 213 लोग हाई रिस्क कैटेगरी के हैं। कॉन्टैक्ट लिस्ट में 287 स्वास्थ्य अधिकारी भी शामिल हैं।

ग्राउंड टेस्टिंग के लिए भेजी गई मोबाइल यूनिट
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने गुरुवार को पुणे में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (ICMR-NIV) का दौरा किया। उन्होने निपाह वायरस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की।

उन्होने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस से निपटने में राज्य की मदद करने के लिए डॉ माला छाबड़ा की अगुवाई मे एक टीम नियुक्त की गई है। केन्द्र और ICMR-NIV ने ग्राउंड टेस्टिंग के लिए एक हाई लेवल टीम को कोझिकोड भेजा है। यह टीम बायोसेफ्टी लेवल 3(BSL-3) वाली मोबाइल यूनिट के साथ भेजी गई है।

वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार ने ICMR से निपाह संक्रमण के इलाज के लिए जरूरी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मांगी थी जो 15 सितंबर को केरल पहुंच गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (RGCB), तिरुवनंतपुरम की मोबाइल वायरोलॉजी टेस्टिंग लैब भी कोझिकोड भेजी गई है।

कर्नाटक सरकार ने जारी किया सर्कुलर
वहीं केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें आम जनता को केरल के प्रभावित इलाकों में सफर करने से बचने की सलाह दी है। सर्कुलर में अधिकारियों को केरल की बॉर्डर से जुड़े जिले (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) में निगरानी तेज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

संक्रमित मरीजों में लक्षण
WHO की मानें तो निपाह वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों में वायरल फीवर होने के साथ सिरदर्द, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने के लक्षण दिखते हैं। निपाह वायरस से मरने वालों की दर बहुत ज्यादा है।

अब तक इसका कोई ट्रीटमेंट या टीका (इंजेक्शन) उपलब्ध नहीं है। 1-2 हफ्ते तक लक्षण रहने पर डॉक्टर से संपर्क की सलाह दी जाती है।

निपाह का पहला मामला 25 साल पहले मलेशिया में मिला था
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक, 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार निपाह वायरस का पता चला था। इसी गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा। तब सूअर पालने वाले किसान इस वायरस से संक्रमित मिले थे।

मलेशिया मामले की रिपोर्ट के मुताबिक, पालतू जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली, बकरी, घोड़े से भी इंफेक्शन फैलने के मामले सामने आए थे। मलेशिया के बाद उसी साल सिंगापुर में भी इस वायरस का पता चला था।

इसके बाद 2001 में बांग्लादेश में भी इस वायरस से संक्रमित मरीज मिले। कुछ वक्त बाद बांग्लादेश से जुड़ी भारतीय सीमा के आसपास भी निपाह वायरस के मरीज मिलने लगे।

publicfirstnews.com

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