मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कर्फ्यू वाली माता के नाम से एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। जहां नवरात्री के दिनों में श्रद्धालुओं और भक्तों जन माता के दर्शन करने के लिए बड़ी दूर दूर से एकत्रित होते है। अब आपको बताते है इसका नाम कर्फ्यू वाली माता क्यों पड़ा। दरअसल आज से 42 साल पहले यानी वर्ष 1981 में पुराना शहर भोपाल कई दिनों तक कर्फ्यू के साए में रहा था। इसके बाद जब यह कर्फ्यू खुला तो लोगों ने यहां धूमधाम से चौक पर मां भवानी की स्थापना हुई थी।

ये है माता के मंदिर और कर्फ्यू का नाता

इस वजह से राजधानी भोपाल के सोमवारा स्थित देवी का यह मंदिर कर्फ्यू वाली माता के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इमामी गेट से मोती मस्जिद की तरफ जाने मुख्य मार्ग पर बने इस मंदिर के प्रति शहर व आसपास के लोगों में अगाध श्रद्धा है। ऐसी मान्यता है कि जो दिल दे यहां कुछ मांगता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। यहां सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए जुटने लगते हैं। नवरात्र के अवसर पर यहां भक्तों की काफी भीड़ उमड़ती है।

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