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मिशन को सफल बनाने की हमारी कोशिशें जारी; 7 जनवरी को L1 पॉइन्ट पहुंचने की उम्मीद

भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य L1 अब अपने फाइनल फेज की ओर बढ़ रहा है। इसरो चीफ ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी कि इसके 7 जनवरी 2024 को L1 पॉइन्ट तक पहुंचाने की उम्मीद है।

पहले साउंडिंग रॉकेट लॉन्च के 60 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के में इसरो चीफ ने कहा, ‘आदित्य रास्ते में है। मुझे लगता है कि यह लगभग अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसे सफलता के साथ L1 पॉइन्ट पर पहुंचाने की हमारी कोशिशें जारी है।’

2 सितंबर को लॉन्च किया गया था आदित्य L1
आदित्य को 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के 63 मिनट 19 सेकेंड बाद स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की 235 Km x 19,500 Km की कक्षा में स्थापित कर दिया गया था।

लॉन्चिंग के बाद से आदित्य की दो बार ऑर्बिट बढ़ाई जा चुकी है। इसके लिए थ्रस्टर फायर किए गए थे। करीब 4 महीने के बाद अब यह 15 लाख Km दूर लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचने की ओर बढ़ रहा है। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज पर आसानी से रिसर्च की जा सकती है।

इसरो ने 7 सितंबर 2023 को आदित्य-L1 पर लगे कैमरे से ली गई सेल्फी के साथ पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें शेयर कीं थी, जिन्हें 4 सितंबर को खींचा गया था। सेल्फी में आदित्य पर लगे दो इंस्ट्रूमेंट VELC और SUIT नजर आ रहे हैं।

5 पॉइंट में जानें आदित्य L1 का सफर

PSLV रॉकेट ने आदित्य को 235 x 19,500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा।

16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। 5 बार थ्रस्टर फायर कर ऑर्बिट बढ़ाएगा।

फिर से आदित्य के थ्रस्टर फायर होंगे और ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा।

110 दिन के सफर के बाद आदित्य ऑब्जरवेटरी इस पॉइंट के पास पहुंच जाएगा

थ्रस्टर फायरिंग के जरिए आदित्य को L1 पॉइंट के ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा।

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