पब्लिक फर्स्ट। नई दिल्ली।

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी ISRO ने शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। 16 मिनट बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया। इस सफल लॉन्च की तारीफ देश ही नहीं, दुनियाभर में हो रही है।

भारत की इस सफलता पर कई देशों ने खुशी जाहिर की। अमेरिका, जापान, ब्रिटेन और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने मिशन के लिए इसरो की बधाई दी। चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी चंद्रयान-3 के लॉन्च का वीडियो शेयर कर भारत की तारीफ की।

चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने लॉन्च के बाद कहा कि यान ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अगर सब कुछ प्लान के अनुसार रहा तो 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे यह चांद पर उतरेगा।

देखें चंद्रयान-3 पर दूसरे देशों और स्पेस एजेंसियों ने क्या कहा…

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट कर कहा- बधाई! भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में लॉन्च कर दिया है। स्पेसक्राफ्ट अगस्त में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग करने की कोशिश करेगा। अगर भारत इस कोशिश में सफल हुआ तो चांद पर कंट्रोल्ड लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नीलसन ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि चंद्रयान-3 की चंद्रमा तक यात्रा सुरक्षित रहे। हम मिशन से आने वाले सांइटिफिक रिजल्ट्स का इंतजार कर रहे हैं।

पाकिस्तान की PTI पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने भी भारत और इसरो को बधाई दी। फवाद पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रह चुके हैं।

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने ट्वीट कर कहा कि हम आशा करते हैं कि चंद्रयान-3 मून पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहे। साथ ही रोवर सफलतापूर्वक अपने ऑपरेशन को अंजाम दे।

यूके स्पेस एजेंसी ने ट्वीट कर कहा कि मंजिल चांद है। इसरो को चंद्रयान के सफल लॉन्च के लिए बधाई।

यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने भी सफल लॉन्च के लिए इसरो को बधाई दी।

आखिरी 73 दिन 80 वैज्ञानिक घर ही नहीं गए, तब लॉन्च हुआ चंद्रयान
इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने भास्कर को बताया कि आखिरी 73 दिन में मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिक दिन-रात चंद्रयान-3 के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर ढांचा बनाने में जुटे रहे। घर जाने का मौका इक्का दुक्का को ही मिला। यह सफल लांचिग इन्हीं के समर्पण, बुद्धिमानी व मेहनत का नतीजा है।

टीम में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरामुत्थुवल के अलावा 29 एसोसिएट व डिप्टी डायरेक्टर थे। 55 प्रोजेक्ट मैनेजर थे। एसोसिएट डायरेक्टर कल्पना की अहम भूमिका रही। इसीलिए चंद्रयान की सफल लांचिंग के बाद वीरामुत्थुवल ने कल्पना को मंच पर ही बुला लिया। ताकि चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभाने वाली महिला वैज्ञानिक को सब पहचान सकें।

चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के बाद से ही चंद्रयान-3 की तैयार में जुटे
इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 के लैंडर की क्रैश लैंडिंग के बाद से ही चंद्रयान-3 की तैयार में जुट गए थे। पहला साल डेटा एनालिसिस और उसके सिमुलेशन के जरिए गड़बड़ियों को ढूढ़ने में बीता। दूसरे साल उपकरण व टेक्नोलॉजी में सुधार किया। तीसरा साल केवल परीक्षणों में गुजारा। संभावित गलतियों को जानबूझकर करके उनका परिणाम देखा। फिर सॉफ्टवेयर व सेंसर में सुधार किया। चौथा साल सभी प्रमुख केंद्रों के साथ बारीक समन्वय में बीता।

बीते एक साल में LVM-3 की तीसरी उड़ान
बीते एक साल में ही LVM-3 रॉकेट की यह तीसरी उड़ान थी। लांच पैड पर खड़े LVM-3 में सामने से या उसके भीतर मौजूद ईंधन तक करीब 85 फीसदी हिस्से को मुहैया कराने में इंडस्ट्री का योगदान था, हालांकि चंद्रयान-3 के लैंडर, रोवर व प्रोपल्शन मॉड्यूल को विकसित करने, डिजाइन करने और क्वालिटी कंट्रोल जैसी जिम्मेदारी इसरो की थी।

यह तस्वीर वाराणसी के गंगा घाट की है, जहां लोग चंद्रयान-3 की सफलता के लिए दिए जला रहे हैं।

publicfirstnews.com

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